गौरतलब है की चित्रगुप्त समाज द्वारा निर्मित इस चित्रांश विश्राम भवन के प्रथम में 3200 वर्गफुट का वातानुकूलित हॉल एवं 12 वातानुकूलित कमरे बनाये गए हैं। इसके बाद अगले चरण में एक डॉरमेट्री एवं भवन के ऊपर भगवान चित्रगुप्त की 18 फुट ऊँची प्रतिमा की स्थापना की योजना है।
समारोह में मंच पर पहले चित्रगुप्त समाज, भोपाल द्वारा स्मारिका का विमोचन किया गया। उसके बाद कायस्थ समाज की युवा बेटी गरिमा प्रधान के नॉवल "A girl that had to be strong" का विमोचन भी किया गया। अपने पहले ही नॉवल से जो कि एक ऐसी लड़की के संघर्ष पर आधारित है जिसने हार नहीं मानी, गरिमा को भोपाल में बेस्ट लेखिका 92.7 बिग एफ एम ने घोषित किया है।
चित्रगुप्त समाज भोपाल के इस समारोह में ब्रज श्रीवास्तव, राजेश नारायण श्रीवास्तव, सुशील श्रीवास्तव, जी एम जोहरी, डी पी श्रीवास्तव, नितिन श्रीवास्तव, संजीव श्रीवास्तव 'संदेश', श्रीमति रजनी श्रीवास्तव, श्रीमति सुधा जौहरी, सहर्ष शरद श्रीवास्तव, श्रीमति विभा श्रीवास्तव, डॉ ब्रजेश श्रीवास्तव, आशीष श्रीवास्तव, श्रीमति इंद्रा खरे, स्वाति सक्सेना आदि सहयोग किया I
चित्रगुप्त समाज भोपाल द्वारा नवनिर्मित चित्रांश भवन का लोकार्पण समारोह संपन्न
कायस्थ खबर डेस्क I चित्रगुप्त समाज भोपाल द्वारा नवनिर्मित चित्रांश भवन का लोकार्पण समारोह शनिवार को चित्रगुप्त मंदिर परिसर जवाहर चौक टी टी नगर भोपाल में किया गया इस अवसर पर भोपाल के सांसद आलोक संजर, मध्यप्रदेश के राजस्व और विज्ञान एवं प्रौधोगिकी मंत्री उमाशंकर गुप्ता, पूर्व राज्यसभा सांसद कैलाश सारंग , मध्यप्रदेश के सहकारिता राज्य मँत्री विश्वास सारंग, भोपाल के महापौर आलोक शर्मा, भोपाल के पूर्व महापौर डॉ. आर. के. बिसरिया , भोपाल के पूर्व विधायक शैलेन्द्र प्रधान समेत अनेक गणमान्य महानुभाव उपस्थित थे। कार्यक्रम की की अध्यक्षता राज्यसभा सांसद आर के सिन्हा ने की।
आयोजन का आरम्भ चित्रगुप्त भगवान की संगीतमय आरती से हुआ जिसके स्वागत नृत्य, सम्मान समारोह, स्मारिका विमोचन, सांस्कृतिक संध्या के क्रम में कायस्थ समाज की बेटी और मेधावी युवा गायिका प्रतिष्ठा खरे ने अपनी सुमधुर आवाज से समा बाँधा तो उसके बाद कोरियोग्राफर चंद्र माधव बारे द्वारा तैयार किये गए बेहद ऊर्जावान संगीतमय प्रस्तुति में रानी लक्ष्मीबाई बनीं श्रुति कीर्ति सक्सेना और उनकी टोली ने तो रानी लक्ष्मीबाई के अँग्रेजों से युद्ध का चित्र खींच दिलों को जीत लिया।