कायस्थ खबर विशेष : क्या सुबोध कान्त सहाय ही कैलाश नारायण सारंग के बाद प्रभावशाली नेता साबित होंगे ?
कायस्थ खबर डेस्क I अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तोर पर जब सुबोध कान्त सहाय के नाम की घोषणा हुई तो सबके मन में एक ही सवाल आया होगा की क्या सुबोध कान्त सहाय अपने पूर्ववर्ती कैलाश नारायण सारंग की तरह प्रभावशाली अध्यक्ष साबित होंगे या नहीं ?
हालाँकि देखा जाए तो ये सब बातें अभी करना जल्दबाजी होगी लेकिन आंकड़ो की कहानी तो फिलहाल यही इशारा कर रही है की सारंग युग के बाद अब सहाय युग का प्रभावशाली दौर शुरू होगा I अब आप कह रहे है की आखिर हम ऐसा क्यूँ कह रहे है तो हम आपको बता देते है की आखिर वो क्या कारण है ?
सबसे पहली समानता जो सुबोध कान्त सहाय को कैलाश नारायण सारंग के बाद आये कायस्थ राजनेताओं से अलग करती है उनकी भाषा शैली I भाषा शैली और हाजिर जबाबी ही कैलाश नारायण सारंग का एक ऐसा युएस पी था जो सामने वाले को निरुत्तर कर होने पर मजबूर कर देती है , सुबोध कान्त सहाय के साथ भी यही प्लस पॉइंट है , ७० के दशक में जेपे आन्दोलन से नेता बेन सुबोधकान्त सहाय की भषा पर पकड और हाजिरजबाबी का कोई तोड़ नहीं
राजनैतिक अनुभव और नेत्रत्त्व पर पकड़
कैलाश नारायण सारंग की तरह सुबोध कान्त सहाय की भी अपनी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर मजबूत पकड़ है , इसी पकड़ के चलते वो केंद्र में ग्रेह्मंत्री और केन्द्रीय मंत्री भी रह चुके है I वरिष्ठ राजनेता होने के चलते उनके सम्बन्ध सभी राजनैतिक दलों से भी मधुर है जिसका लाभ कायस्थ समाज को मिल सकता है
मूलांक २ का होना
कैलाश नारायण सारंग २ जून को अपना जन्म दिवस मनाते थे ज्योतिष के अनुसार जून में पैदा हुए व्यक्ति राजनैतिक प्रभाव बनाने में कामयाब होते है साथ ही २ अंक का ग्रह चन्द्रमा है अत: 2, 20, 11 और 29 तारीख को जन्मे जातक चन्द्रमा के गुणों के भरपूर रहते हैं। सहृदय, कल्पनाशील एवं मधुर भाषी होते है सदी के महानायक अमिताभ बच्चन, गायिका अलका याज्ञिक और आशा पारेख आदि मूलांक २के अच्छे उदाहरण हैं। अब सुबोध कान्त सहाय भी ११ जून को अ जन्मदिन मनाते है जो इनको इस पद के अनुकल बनाता है
जून में पैदा हुए व्यक्ति
कैलाश नारायण सारंग की तरह जून में पैदा होने संयोग भी सुबोध कान्त सहाय के पक्ष में एक बड़ा कारण है , ज्योतिष के अनुसार जून में पैदा हए लोग स्वभाव से थोड़े जिद्दी और जुनूनी होंगे। जून माह में जन्मे अधिकतर युवा कुशल अधिकारी, पेंटर, काउंसलर, मैनेजर, टीचर या डॉक्टर फील्ड में सफल होते है। पॉलिटिक्स के लिए यदि आपके सितारे थोड़े भी सहयोग करें तो आप सब पर छा जाने की ताकत रखते हैं। यही कारण है की कैलाश नारायण सारंग के बाद यु तो कई राज्नाताओ ने उनका स्थान लेने की कोशिश की लेकिन सार्वजानिक स्वीकृति सुबोध कान्त सहाय को ही मिल रही है
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Mr Sahay was in congress. Why he didn’t raise the voice against our Honest Prime Minister Late Lal Bahadur Shastri’s death mystery ? In the era of Artificial Intelligence what Mr Sahay will do for development of Kaystha Society ? It may be game plan of some shrewd Kaystha members to give him platform to loot the society. Please don’t spread futile news on WhatsApp.
Sanjay Kumar Sinha
Bhagalpur