कायस्थ पाठशाला चुनाव : मौजूदा तंत्र नहीं चाहता है की कोई शक्ति शाली उम्मीदवार उनके सामने आये, इन आरोपों से कुमार नारायण और डा विवेक एक साथ की संयुक्त प्रेस कांफ्रेस के क्या है मायने
कायस्थ खबर डेस्क I महानवमी को प्रयागराज में एक प्रेस कांफ्रेंस हुई जिसमे अध्यक्ष पद के लिए जितेन्द्र नाथ सिंह के खिलाफ चुनाव लढ़ रहे दो प्रत्याशी कुमार नारायण और डा विवेक श्रीवास्तव एक साथ एक मंच पर दिखाई दिए I इस प्रेस कांफ्रेस को जिस तरह उनके अलावा वरिष्ठ यूनियन लीडर कृपा शंकर श्रीवास्तव , रविन्द्र श्रीवास्तव और पूर्व अध्यक्ष टीपी सिंह के ख़ास धीरेन्द्र श्रीवास्तव ने भी संबोधित किया, उससे प्रयागराज में केपी ट्रस्ट के समीकरण एक नयी दिशा में जाते दिख रहे है
कायस्थ खबर को मिली जानकारी के अनुसार इस प्रेस कांफ्रेंस में जहाँ इन दोनों उम्मीदवारों ने चुनाव प्रक्रिया को लेकर अपनी चिंता जताई और उसे असंवैधानिक तक कह दिया , तो इसका असर चुनावी प्रक्रिया पर पड़ेगा ही पड़ेगा I इस प्रेस कांफ्रेस में कुमार नारायण ने आरोप लगाते हुए कहा की मौजूदा तंत्र नहीं चाहता है की कोई शक्ति शाली उम्मीदवार उनके सामने ना आ जाये इसके लिए नयी संशोधित नियमवाली से चुनाव कराये जा रहे है , वहीं चुनाव में एफिडेविट मांगे जाने से डा विवेक भी सहमत नहीं दिखे I
इस प्रेस कांफ्रेस से प्रत्याशियों का और इस पुरे चुनाव में न्यास्धारियो में भ्रम की स्थिति है और उनको भी लग रहा है की इस सब में सभी के ३० -४० लाख रूपए बर्बाद हो जायेगे I
ऐसे में बड़ा सवाल ये है की क्या केपी ट्रस्ट में चुनाव लढ़ रहे प्रत्याशियों को मौजूदा तंत्र से कोई डर लग रहा है या फिर वो मान कर चल रहे है कि जिस तरह से चुनावी प्रक्रिया को किया जा रहा है उससे ये चुनाव जीतने की स्थिति में भी कहीं अदालती कार्यवाही में ना फंस जाए I ऐसे में चुनाव को लेकर उनकी आशंकाए अगर सही साबित हुई तो क्या उनके खर्च हुए पैसे की बर्बादी और नयास्धारियो में ट्रस्ट के प्रति उपेक्षा का भाव तो नहीं उत्पन्न हो जायेगा
बहराल दोनों ही स्थिति में प्रयागराज में इस सबसे बड़े शैक्षिक ट्रस्ट का भविष्य अभी फिलहाल तो डांवाडोल लग रहा है
स्वर्गीय राष्ट्रपति डाक्टर राजेन्द्र प्रसाद जी की छवि की ऐसी दुर्दशा करना कायस्थ समाज के अतिरिक्त भारत के एक निष्ठावान तथा समर्पित देशभक्त का अपमान है, जिसके लिए बिहार शासन को अविलंब आवश्यक कदम उठाकर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही करनी चाहिये।