ऐसे में बड़ा सवाल ABKM से है की क्या वो अपने नियमो पर कायम है या विश्व विमोहन कुलश्रेष्ठ के उपजाति प्रेम के आगे झुक गयी है Iइसमे महिला प्रकोष्ट सचिव जी मुख्य अतिथि है। और महिला प्रकोष्ठ महामंत्री विशिष्ठ अतिथि।
अब विश्व मोहन जी बताये की abkm अखिल भारतीय कायस्थ महासभा एवं अखिल भारतीय कुलश्रेष्ठ महासभा किसमे रहना चाहेगे।?
बिग ब्रेकिंग : क्या ABKM के राष्ट्रीय महामंत्री विश्वविमोहन कुलश्रेष्ठ, अपने उपजाति प्रेम में जानबुझ कर महासभा का सम्मान दांव पर लगाते है ?
कायस्थ खबर डेस्क I गुजरात में अखिल भारतीय कायस्थ महासभा का राष्ट्रीय अधिवेशन हो रहा था I सभी जगह से पदाधिकारी आये हुए थे I तमाम विवादों के बीच एक विवाद इस बात को लेकर उठा की पदाधिकारियों को कहा गया की वो अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के अलावा अन्य कायस्थ संगठनो से अपना नाता तोड़ दें I
जिसके बाद तत्कालीन संयोजक डा अरविन्द श्रीवास्तव ने कायस्थ वृन्द नामक एक वैचारिक मंच से अपने हटने की विधिवत घोषणा भी की, कुछ लोगो ने इस घटना के बाद ABKM को अलविदा कहा जिसमे तत्कालीन पदाधिकारी डॉ ज्योति श्रीवास्तव प्रमुख थी I जाहिर था की संस्था का एक उसूल था की आप एक ही संस्था में रहे ताकि अपना बेस्ट उसमे दे सके Iइसके साथ ही पदाधिकारियों को अन्य संस्थाओं के कार्यक्रमों में भी ना जाने की हिदायते दी गयी
लेकिन लगता है ABKM के राष्ट्रीय महामंत्री खुद इन सभी नियमो को भूल गये है I अपने उपजाति प्रेम में ABKM के राष्ट्रीय महामंत्री विश्व विमोहन कुलश्रेष्ठ लगातार अखिल भारतीय कुलश्रेष्ठ महासभा के कार्यक्रमों में शामिल होते रहे है बल्कि कुलश्रेष्ठ देख कर ABKM के राष्ट्रीय महामंत्री के पद की गरिमा को भी दांव पर लगाते रहे है I
इसके यूँ अनेक उदाहर यदा कदा आते रहे है लेकिन , अज सोशल मीडिया में आये एक फोटो के बाद फिर एक बार ये साबित हो गया है की विश्व विमोहन कुलश्रेष्ठ महासभा के नियमो का उलंघन खुद ही करते है I
कायस्थ खबर को मिले इस कार्यक्रम के बैनर के अनुसार , कुलश्रेष्ठ सभा के इस कार्यक्रम में तीन प्रमुख ABKM पदाधिकारी मौजूद है I जिनमे मुख्य अतिथि शिप्रा कुलश्रेष्ठ सचिव महिला ABKM , मुख्य वक्ता विश्व विमोहन कुलश्रेष्ठ राष्ट्रीय महामंत्री ABKM और ABKM की वरिष्ठ महिला पदाधिकारी माधवी देवा कुलश्रेष्ठ के नाम है
अब सवाल ये है की आखिर किसकी अनुमति से ये तीनो पदाधिकारी वहां पहुंचे है I आखिर इन तीनो पर क्यूँ ना अनुशासनहीनता के तहत कार्यवाही होनी चाहए ? आखिर सम्पूर्ण कायस्थों का दम भरने वाले और महासभा के नियमो के विरोध में जाने वाले इन पदाधिकारियों को ABKM के अध्यक्ष सुबोध कान्त सहाय किस मज़बूरी में बर्दाश्त कर रहे है
ABKM को छोड़ कर नयी महासभा बनाने वाले मनीश श्रीवास्तव पूछते है