फिर से तेजस्वी से मिले शत्रुघ्न सिन्हा और यशवंत सिन्हा, कायस्थ समाज असमंजस में, जातीय स्वाभिमान की आड़ में जातीय अस्तित्ब ना लग जाए दांव पर
कायस्थ खबर डेस्क I शाटगन शत्रुघ्न सिन्हा कब क्या कर जाए ये उनके चाहने वाले भी नहीं बता सकते है I वो बिहार की राजनीती में ऐसे शख्स हो गये हैं जो कब किस करवट बैठ जाए ये उनके शुभचिंतक भी नहीं बता सकते है I ऐसा उलटफेर फिर से शत्रुघ्न सिन्हा ने कर दिया है I
शत्रुघ्न सिन्हा आज यशवंत सिन्हा के साथ कल बिहार में चारा घोटाले में जेल की सजा काट रहे लालू प्रसाद यादव के पुत्र तेजस्वी यादव से मिले I इसके साथ ही एक बार से सवाल उठ खड़े हुए की क्या शत्रुघ्न सिन्हा अपने स्टार डम और कायस्थ समाज की भावुकता का नाजायज फायदा तो उठाने पर नहीं आ गए है I
ये सब जानते है की पटना में कायस्थ समाज की मर्जी के बिना कोई भी पार्टी चुनाव नहीं जीत सकती है कायस्थों का एक बड़ा हिस्सा बिहार के जातीय समीकरण में माई समीकरण के साथ कभी नहीं रहा है I कायस्थों को लालू के भूरा बाल वाली राजनीती के दिन आज भी याद है ऐसे में जब कायस्थ समाज की आन शान बाण का दावा करने वाले शत्रुघ्न सिन्हा लालू के बेटे के साथ मिलते नजर आते है तो कायस्थ समाज में एक बैचेनी उठने लगती है I कायस्थ समाज की सभी प्रमुख संस्थाये भ्रमित हो जाती है कि कहीं शत्रुघ्न सिन्हा अपनी महत्वाकांक्षा में कायस्थ समाज को तो दांव पर लगाने को तैयार तो नहीं है I कहीं पटना के ३ लाख से ज्यदा कायस्थ वोटो की सौदेबाजी शत्रुघ्न सिन्हा तेजस्वी यादव के साथ तो नहीं कर रहे है क्योंकि अगर कायस्थ वोट शत्रुघ्न सिन्हा के दिखावे में लालू की मुस्लिम यादव समीकरन को मजबूत करेगा तो निश्चित तोर पर कायस्थों को एक बार फिर से धोखे के सिवा कुछ नहीं मिलेगा
अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के एक पदाधिकारी कायस्थ खबर से बात कहते हुए कहते है की कायस्थ शत्रुघ्न सिन्हा के साथ है लेकिन सवर्ण की राजनीती के लिए, आरक्षण समर्थको की राजनीती के लिए नहीं I अगर कायस्थ किसी भी भुलावे में भूरा बाल की राजनीती को समर्थन कर देगा तो ये उसके अस्तित्व के लिए खतरा होगा I ऐसे में अगर शत्रुघ्न सिन्हा एक सीमा से बाहर जाकर अगर राजनीती करेंगे तो कायस्थ समाज उनसे हाथ खीच लेगा
यह बात गलत है ,की कस्यथ सत्रुहन सिन्हा, के साथ है।कस्यथ के सबसे बड़े शुवचिंतक,ओर समाज को मदद करने वाले आर,के, सिन्हा, सांसद है। वे एक मात्र कस्यथ सांसद है, जिन्हें कश्यथो की सेवा करने में कोई हिचक नही। सत्रुहन,ओर यशवंतसिंह, सिर्फ स्वार्थ की राजनीति करते है। रविन्द्र किशोर सिन्हा, आज कश्यथो के एक मात्र हितैषी ओर कश्यथो की सेवा करने वाले सांसद है। रवि अटल, वरिष्ठ पत्रकार,
इन दोनों को गलतफहमी हो गई है कि अपने स्वार्थ के लिए ये जो भी करेंगे उसमे समाज साथ देगा।इनसे पूछिये की कायस्थों के लिए आज तक क्या किया।