कायस्थ खबर डेस्क I कहने को बिहार में कायस्थ संगठनो, राजनेताओ के दावे है की उनके होते हुए कोई कायस्थ इलाज के लिए परेशान नहीं हो सकता है, कोई भूखा नहीं रह सकता है I अपने अपने दान के लिए प्रसिद इन दानवीरों की नगरी में गुरूवार को ऐसी घटना शामने आई की आँख नाम हो गयी I
भास्कर में छपी खबर के अनुसार मुजफ्फरपुर के कुढ़नी प्रखंड के महंथ मनियारी गांव में आर्थिक तंगी के कारण शुक्रवार को एक कायस्थ वृद्ध का शव करीब 7 घंटे तक कफन के इंतजार में पड़ा रहा। गाँव के उप सरपंच विजय कुमार ने भूख से पवन कुमार वर्मा की मौत होने व चंदा कर शव का अंतिम संस्कार करने की बात कही। वहीं मृतक के भाई अशोक कुमार वर्मा ने बताया कि पवन कुमार वर्मा अविवाहित थे। आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे।
कबीर अंत्येष्टि योजना भी नहीं काम आयी
गाँव के लोगो के अनुसार अंतिम संस्कार के लिए कबीर अंत्येष्टि योजना की राशि स्थानीय मुखिया पवन कुमार राय से मांगी तो उन्होंने दुकानदार से फोन पर बात कराकर कफन उधार ले लेने की सलाह दी। मृतक की बहन ने बताया कि उसके भाई के घर में खाने के लिए कुछ भी नहीं था। मृतक को 5 वर्षों से राशन भी नहीं मिलता था। कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण घर के ऊपर छत की जगह चट्टी का फटा पुराना बोरा बांध कर गुजर-बसर कर रहे हैं। ईंट के चूल्हे पर खाना बनता है।
गरीब कायस्थों तक कायस्थ संगठनो, नेताओं की नहीं पहुँच
इस घटना के बाद बिहार में गरीब कायस्थों से जुड़े एक पत्रकार की माने तो बिहार में कायस्थ संगठनो और नेताओं का अधिकाश जुड़ाव शहरी क्षेत्रो तक ही रहता है I वहीं इनके कायस्थ समागम, संगत पंगत या कायस्थ बुध्हिजिवी सम्मेलनों के ढोल बजते है I लेकिन असली कायस्थों तक मदद नहीं पहुँच पाती है I बिहार में कायस्थों में एक बड़ा हिस्सा गरीबी के कारण निम्नतर जीवन जीने और ऐसे मौते मरने के लिए अभिशप्त है I कहने को मदद के लिए बड़े बड़े फंड बताये जाते है ऐसे लोग अगर बिहार के नेताओं के पास मदद के लिए चले भी जाए तो उनको दरवाजो से ही दूर कर दिया जाता है I
जाती ने नाम पर भी सिर्फ वोट नहीं मिलती कोई मदद
बिहार कायस्थ समाज के गरीब कायस्थों का ऐसे सभी बड़े नेताओं पर आरोप है की ये सब सिर्फ वोट लेने के लिए कायस्थ जाती के नाम का इस्तेमाल करने में विश्वाश करते है I गरीबो तक मदद पहुचाने में इनका कोई मतलब नहीं होता I हर चुनावों में सिर्फ वोट के लिए कायस्थ जाती का इस्तेमाल कर ५ साल के लिए भुला दिया जाता है I
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