कायस्थ सामाजिक संगठनो का बड़ा खेल, कायस्थों को टिकट के नाम की सिफारिश के बदले सौदे का हो रहा है खेल
कायस्थ खबर डेस्क I अक्सर कायस्थों में एक ही बात की चर्चा होटी है आखिर कायस्थ संगठनो में आपस में इतनी मारामारी क्यूँ है I कोई क्यूँ संगठन और उसका अध्यक्ष महामंत्री बन्ने के लिए इतना जोर लगता है I तो इसका जबाब आपको हम देते है I असल में भारत में लगभग हर साल कहीं ना कहीं चुनाव होते है और ५ साल में एक बार लोकसभा के चुनाव होते है तो ऐसे में किसी भी राजनैतिक दल से टिकट के लिए वहां आपको किसी संगठन की सिफारिश की ज़रूरत होती है जो ये दावा कर सके समाज इनकी सिफैर्ष करता है
कई बार ये संगठन वाले पैसे के लिए इसके भी आगे की कहानी कर देते है ये प्रत्याशियों से दावा कर देते है की हम फलां संगठन के लोग है और हम आपसे अपने समाज के नाम पर इनके लिए टिकट चाहते है
ऐसा ही कुछ पश्चिमी यूपी में सुनने में आ रहा है है , बताया जा रहा है की खुद को सबसे प्राचीन बताने वाले एक संगठन के लोगो ने एक ऐसे दावेदार को शीशे में उतार लिए है जिसको ये यकीन दिला दिया की वो उसके लिए अमित शाह से मिलेंगे ताकि उसको टिकट मिल सके I अब जाहिर तोर पर उसको इनके लिए आने जाने खाने रहने का प्रबंध भी करना होगा और कुछ दान दक्षिणा भी हो तो कह नहीं सकते है
तो बस आप समझ लीजिये की इस बार पश्चिमी यूपी में अगर आपको कायस्थ समाज के भी लोग टिकट लड़ते मिल जाए