कायस्थ खबर डेस्क I पटना साहिब की बहुप्रतीक्षित सीट का आखिर कार निर्णय हो ही गया है I बीजेपी ने इस महत्वपूर्ण सीट के लिए शत्रुघ्न सिन्हा को हटा कर कानूनमंत्री रविशंकर प्रसाद का नाम जारी कर दिया है I इसके साथ ही बीते ३ साल से इस सीट पर राज्यसभा सांसद आर के सिन्हा , शत्रुघ्न सिन्हा और रविशंकर प्रसाद के समर्थको के बीच चल रहे संघर्ष को शायद विराम मिल गया है, अब चुनाव में जीतने के लिए बातें होंगी
बता दें की आर के सिन्हा २०१५ से ही इस सीट के लिए दावेदारी कर रहे थे और उसको लेकर पटना की कायस्थ राजनीती में शत्रुघ्न सिन्हा के समर्थको का एक बड़ा वर्ग उनके खिलाफ लगातार मुहीम चला रहा था जिसमे मर्यादाये तक लांघ दी गयी थी I शत्रुघ्न सिन्हा के समर्थको का एक ही बात कहना था की आखिर वो इसी सीट पर शत्रुघ्न सिन्हा को क्यूँ हटाना चाहते है जबकि आर के सिन्हा के समर्थक लगातार इस बात को कह रहे थे की कब तक शत्रुघ्न सिन्हा इस सीट पर रहेंगे I बीजेपी में २ कद्दावर कायस्थ नेताओं की इस लड़ाई का अंत बीजेपी ने इस पुरे खेल में शांत रहे रविशंकर प्रसाद को लाकर कर दिया है
कौन हैं रविशंकर प्रसाद ?
बिहार की राजनीती को जान्ने वाले जानते है रवि शंकर प्रसाद का जन्म बिहार में पटना के एक प्रख्यात कायस्थ परिवार में हुआ। उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से बी०ए०(ऑनर्स), एम०ए०(राजनीति विज्ञान) तथा एलएल०बी० की डिग्रियाँ लीं। उनके पिता ठाकुर प्रसाद पटना उच्च न्यायालय के प्रतिष्ठित वकील थे I बीजेपी में उनका कद हमेशा से बड़ा रहा है I वो अब तक राज्यसभा से सरकार में रहते आये है पहली बार वो अपना चुनाव लड़ने जा रहे है I
रवि शंकर प्रसाद भारत के सर्वोच्च न्यायालय में एक पेशेवर वरिष्ठ अधिवक्ता हैं। उन्होंने १९८० में पटना उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस शुरू की थी। पटना उच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ द्वारा उन्हें वर्ष १९९९ में वरिष्ठ अधिवक्ता नामित किया गया। २००० में उनका नामांकन सर्वोच्च न्ययायालय में हुआ। बिहार के पूर्व मुख्य मन्त्री और पूर्व केंद्रीय रेल मन्त्री लालू प्रसाद यादव के विरुद्ध कुख्यात चारा घोटाले और कोलतार घोटाले में जनहित याचिका पर बहस करने वाले वे प्रमुख वकील थे। वे पटना उच्च न्यायालय में कई मामलों में पूर्व उप प्रधान मन्त्री लालकृष्ण आडवाणी के वकील भी रहे। उन्होंने विधि एवं चिकित्सा तथा पेटेण्ट कानून पर अन्तर्राष्ट्रीय कांग्रेसों में भाग लिया। उन्होंने बड़ी संख्या में सार्वजनिक, निजी एवं कार्पोरेट निकायों के मुकदमे लड़े हैं। वे रेलवे, बेनेट एण्ड कोलमैन, डाबर आदि प्रमुख संगठनों के न्यायिक मुकदमे भी संभालते रहे हैं। वे बिहार बैंकिंग सेवा भर्ती बोर्ड के वरिष्ठ वकील रहे हैं। नर्मदा बचाओ आन्दोलन मामला, टी०एन० थिरुमपलाड बनाम भारत संघ, रामेश्वर प्रसाद बनाम भारत संघ (बिहार विधान सभा भंग मामला) तथा भारत में चिकित्सा शिक्षा पर प्रो॰ यशपाल का मामला, उनके द्वारा लड़े गए ऐतिहासिक मामलों में से हैं। २०१० में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्डपीठ में लम्बे समय से चल रहे अयोध्या मुकदमे के तीन अधिवक्ताओं में से प्रसाद भी एक थे।
रविशंकर प्रसाद ने 1970 के दशक में इन्दिरा गांधी की सरकार के विरुद्ध विरोध प्रदर्शनों का आयोजन कर छात्र नेता के रूप में अपना राजनीतिक जीवन आरम्भ किया। आपातकाल के दौरान जयप्रकाश नारायण की अगुवाई में उन्होंने बिहार में छात्र आन्दोलन का नेतृत्व किया तथा जेल भी गए। वे कई वर्षों तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के साथ जुड़े रहे और संगठन में विभिन्न पदों पर आसीन रहे। छात्र जीवन में वे पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के सहायक महासचिव और विश्वविद्यालय की सीनेट तथा वित्त समिति, कला और विधि संकाय के सदस्य रह चुके हैं।
वे वर्षों तक भाजपा की युवा शाखा तथा पार्टी संगठन में राष्ट्रीय स्तर के उत्तरदायित्व संभालते रहे हैं। सन् २००० में वह सांसद बने और सन् २००१ में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में कोयला एवं खान राज्य मंत्री रहे और अब कानून मंत्री है, साथ ही भाजपा के मुख्य प्रवक्ता हैं।
शत्रुघ्न सिन्हा अब कांग्रेस नीट महागठबंधन से रविशंकर प्रसाद को देंगे चुनोती
लेकिन इस घोषणा के साथ ही एब एक नया युद्ध शुरू होने जा रहा है और वो है की शत्रुघ्न सिन्हा कांग्रेस के प्रत्याशी बन कर अपनी सीट को पर दावा ठोंक रहे है I आपको बता दें की शत्रुघ्न सिन्हा पहले ही एक टीवी कार्यक्रम में कह चुके थे की लोकेशन वही रहेगी चाहे पारी कोई भी हो I
हालांकि पटना की राजनीती को जान्ने वाले कहते है की ये मुकाबला रोचक तो होगा लेकिन बीजेपी के लिए अपनी नाक का सवाल बन चुकी इस सीट रविशंकर प्रसाद के लिए जीतना बहुत मुश्किल नहीं होगा
आप की राय
आप की राय