-
शत्रुघ्न सिन्हा आल रेड पहले से ही पटना साहिब का नेतृत्व बतौर कायस्थ सांसद कर रहे हैं। सभी जगह जातिगत समीकरण को देखी जा रही है तो फिर कायस्थों को यह बांटने की पूरी कोशिश लग रही है।
-
रविशंकर प्रसाद 2024 तक राज्यसभा के सांसद हैं और केंद्रीय मंत्री भी हैं, इनको शत्रु के खिलाफ लड़ाने के पीछे कोई गहरी चाल नजर आ रही है। अगर यहां से ये जीत भी जाते हैं तो एक सीट कायस्थों की कम हो जाएगी।
-
आर.के.सिन्हा राज्यसभा के सांसद हैं। इन्हें सफल पत्रकार, सफल उद्योगपति और सफल राजनेता के साथ-साथ गरीबों का मसीहा भी कहा जाता है। ये राजनीति में कुछ अलग पकड़ रहते हैं। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ही अगली सरकार बने इसके लिए लगातार पूजा पाठ करवा रहे हैं, खुद प्रचार प्रसार में लगे हुए हैं।
कायस्थ बोलता है : पटना से तीन कायस्थ हैं सांसद, पटना साहिब से दो कायस्थों का आमने सामने होकर लड़ना कायस्थों के लिए शुभ का संकेत नहीं !
देश में मोदी की सरकार बने इसके लिए कायस्थ समाज भी एकजुट है। वैसे भी कायस्थों का वोट भाजपा की ही झोली में जाता है। मगर इस बार पटना साहिब से दो कायस्थों का आमने सामने होकर लड़ना कायस्थों के लिए शुभ कें संकेत नहीं हैं। भाजपा ने रविशंकर प्रसाद को मैदान में उतारा है, तो दूसरी तरफ लगातार पटना साहिब से जीत दर्ज कराने वाले सिने अभिनेता बिहारी बाबु शत्रुघ्न सिन्हा मैदान में हैं। अगर इसमें से जीत होगी तो किसी एक की ही होगी वैसी स्थिति में बिहार से संसद में पहुंचने वाले की संख्या कम पड़ जाएगी।