Home » चौपाल » कायस्थ बोलता है » कायस्थ बोलता है : पटना से तीन कायस्थ हैं सांसद, पटना साहिब से दो कायस्थों का आमने सामने होकर लड़ना कायस्थों के लिए शुभ का संकेत नहीं !

कायस्थ बोलता है : पटना से तीन कायस्थ हैं सांसद, पटना साहिब से दो कायस्थों का आमने सामने होकर लड़ना कायस्थों के लिए शुभ का संकेत नहीं !

देश में मोदी की सरकार बने इसके लिए कायस्थ समाज भी एकजुट है। वैसे भी कायस्थों का वोट भाजपा की ही झोली में जाता है। मगर इस बार पटना साहिब से दो कायस्थों का आमने सामने होकर लड़ना कायस्थों के लिए शुभ कें संकेत नहीं हैं। भाजपा ने रविशंकर प्रसाद को मैदान में उतारा है, तो दूसरी तरफ लगातार पटना साहिब से जीत दर्ज कराने वाले सिने अभिनेता बिहारी बाबु शत्रुघ्न सिन्हा मैदान में हैं। अगर इसमें से जीत होगी तो किसी एक की ही होगी वैसी स्थिति में बिहार से संसद में पहुंचने वाले की संख्या कम पड़ जाएगी।
  1. शत्रुघ्न सिन्हा आल रेड पहले से ही पटना साहिब का नेतृत्व बतौर कायस्थ सांसद कर रहे हैं। सभी जगह जातिगत समीकरण को देखी जा रही है तो फिर कायस्थों को यह बांटने की पूरी कोशिश लग रही है।
  2. रविशंकर प्रसाद 2024 तक राज्यसभा के सांसद हैं और केंद्रीय मंत्री भी हैं, इनको शत्रु के खिलाफ लड़ाने के पीछे कोई गहरी चाल नजर आ रही है। अगर यहां से ये जीत भी जाते हैं तो एक सीट कायस्थों की कम हो जाएगी।
  3. आर.के.सिन्हा राज्यसभा के सांसद हैं। इन्हें सफल पत्रकार, सफल उद्योगपति और सफल राजनेता के साथ-साथ गरीबों का मसीहा भी कहा जाता है। ये राजनीति में कुछ अलग पकड़ रहते हैं। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ही अगली सरकार बने इसके लिए लगातार पूजा पाठ करवा रहे हैं, खुद प्रचार प्रसार में लगे हुए हैं।
अब आप देखिए इस प्रकार से बिहार से तीन कायस्थ नेता सदन में है। अगर वाई द वे आर.के.सिन्हा को भाजपा उतारी होती तो भी भाजपा फायदे का सौदा करती। क्यों कि उसके पास पहले से ही राज्यसभा सांसद रविशंकर प्रसाद 2024 तक सांसद है हीं, और आर.के.सिन्हा का टर्म बहुत कम समय के लिए है, तो उनका पटना साहिब से जीतना भी आसान था, क्योंकि भाजपा के वोटरों के साथ अन्य वोटों में सेंध लगाने की उनकी क्षमता पर कोई सवाल नहीं उठाया जा सकता है। साथ ही शत्रुघ्न सिन्हा को पटखनी देना भी आसान रहता।

ज़रूर देखे : सामाजिक कायस्थ संगठनों का समाज से कितना जुड़ाव है ?

गौर करें दूसरे पहलू को तो कायस्थ नेता आर.के.सिन्हा के साथ रविशंकर प्रसाद दोनों ही कायस्थ नेता के रुप में अपनी जगह पर रह जाते और शत्रुघ्न सिन्हा पराजित होते तभी कायस्थों को अफसोस नहीं होता क्यों कि वो यहां से दो बार नेतृत्व कर चुके हैं। एक कायस्थ नेता नेता ने नाम नहीं छापने के शर्त पर कहा कि आर.के.सिन्हा के साथ पर्दे के पीछे से कोई खेल खेेली गई है, अन्यथा पटना साहिब पर इनके नाम की घोषणा पूर्व से ही चली आ रही थी। रविशंकर प्रसाद भी समर्थन में थे, फिर ऐसी कौन सी बात हो गई कि अचानक से पार्टी को अपने निर्णय को बदलनी पड़ी। खैर, अब समय इन सभी पचड़ों में पड़ने की नहीं है, राज्यसभा सांसद आर.के.सिन्हा की जुबान में पीएम मोदी की सरकार हमें बनानी है। मुरली मनोहर श्रीवास्तव लेख  दिए विचार लेखक के है कायस्थ खबर का इनसे सहमत होना आवशयक नहीं है

आप की राय

आप की राय

About कायस्थ खबर

कायस्थ खबर(https://kayasthkhabar.com) एक प्रयास है कायस्थ समाज की सभी छोटी से छोटी उपलब्धियो , परेशानिओ को एक मंच देने का ताकि सभी लोग इनसे परिचित हो सके I इसमें आप सभी हमारे साथ जुड़ सकते है , अपनी रचनाये , खबरे , कहानियां , इतिहास से जुडी बातें हमे हमारे मेल ID kayasthakhabar@gmail.com पर भेज सकते है या फिर हमे 7011230466 पर काल कर सकते है अगर आपको लगता है की कायस्थ खबर समाज हित में कार्य कर रहा है तो  इसे चलाने व् कारपोरेट दबाब और राजनीती से मुक्त रखने हेतु अपना छोटा सा सहयोग 9654531723 पर PAYTM करें I आशु भटनागर प्रबंध सम्पादक कायस्थ खबर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*