कायस्थ खबर डेस्क I कायस्थ खबर बीते १५ दिनों से पटना की गली गली और घर में लोगो से मिल कर जनता की राय जान्ने की कोशिश कर रहा है I पटना में रविशंकर प्रसाद और शत्रुघ्न सिन्हा के बीच हो रहे मुकाबले को एक पटना के ज़मीनी नेता आर के सिन्हा ने ना लड़ कर भी त्रिकोणीय बना दिया है I ऐसे में इस सीट पर अब जीत किसकी हो ये सवाल आसान नहीं रह गया है शत्रुघ्न सिन्हा के लिए मशहूर दिखाई ना देने वाले नेता के मुकाबले जनता के बीच के नेता आर के सिन्हा की जगह पैराशूट नेता रविशंकर प्रसाद के बीच पूरा कायस्थ समाज कन्फुज हो चूका है तीनो ही नेता कायस्थ हैं और इस लोकसभा क्षेत्र में लगभग पांच लाख कायस्थ मतदाता हैं I
पटना की जनता के बीच रविशंकर है पैराशूट नेता, मोदी ही है बीजेपी की पहचान

सबसे पहले बात करते है पहली बार चुनाव लड़ रहे रविशंकर प्रसाद की, तो रविशंकर प्रसाद को मोदी के नाम पर एक वर्ग का समर्थन मिल रहा है लोग रविशंकर प्रसाद प्रत्याशी हैं इसको सोचने की कोशिश भी नहीं कर रहे है I रविशंकर प्रसाद ने अब तक राजनीति दिल्ली की राजनीती की है वो शुरू से लेकर अब तक वो राज्य सभा में चुने जाते रहे है तो उनको यहाँ पैराशूट नेता माना जा रहा हैऐसे में २५ दिनों में ५५ से ज्यदा सभाए कर करके भी क्या वो जीत पा रहे है उसकी बात कोई आसानी से मानने को तैयार नहीं हो रहा है I बूथ मंडल कार्यकर्ता से सीधा संवाद ना कर पाना उनके लिए समस्या बन सकता है I खुद को कायस्थ राजनीती में अनफिट मानना भी रविशंकर प्रसाद के लिए एक बड़ी चुनोती है Iकायस्थ खबर ने जब समाज के लोगो से उनके बारे में बात की तो कायस्थ समाज को लेकर बरती गयी उनकी विशेष सावधानी उनको कायस्थों वोटर्स में स्थापित नहीं कर पा रही है I इसके साथ ही सुशील मोदी का कैंडिडेट होना भी उनको कायस्थों से दूर कर रहा है I ऐसे में रविशंकर इन समस्याओं से कैसे पार पा पायेंगे ये आने वाले दिनों में ही पता चलेगा
नाराजगी के बाबजूद जनता बाट जोह रही है शत्रुघ्न सिन्हा का

शत्रुघ्न सिन्हा को लेकर बीते ५ साल से कायस्थ समाज की संस्थाओं और समाज में एक ही शिकायत रही है की वो लोगो को दिखाई नहीं देते है I पटना के एक रिटार्यड कायस्थ आईएस उनको कायस्थों का नालायक लड़का कहते है I वो कहते है शत्रुघ सिन्हा अगर कायस्थों को जीतने के बाद मिलते भी रहते तो उनको आज ज्यदा वोट मिलता I पटना के ही एक अन्य पत्रकार कहते है की शत्रुघ्न सिन्हा को लेकर लोगो को एक शिकायत थी लेकिन उनके मुकाबले में रविशंकर प्रसाद के आने से लोगो को लगने लगा है की उनसे तो बेह्टर ये ही है ये जीत कर मिले भले ही ना लेकिन पटना तो आयेंगे जबकि रविशंकर जीतने के कितने दिन के बाद दुबारा पटना आयेंगे ये कहा नहीं जा सकता हैपटना के कई क्षेत्रो में लोगो ने कायस्थ खबर से कहा की वो चाहते है बीजेपी द्वारा कायस्थ समाज को इस तरह अपमानित करने पर शत्रुघ्न सिन्हा को ही वोट दें लेकिन वो एक बार अपना प्रचार शुरू तो करे लोगो तक पहुंचे तो I ये ही हाल कायस्थ समाज के कार्यकर्ताओं का भी है बीते १० दिनों से तमाम कार्यकर्ता उन तक पहुँचने के प्रयास में लगे है लेकिन शत्रुघ्न सिन्हा तक नहीं पहुँच पा रहे है I ऐसे में उनका प्रचार कितना जोर दार होगा ये आने वाले दिनों में दिखेगा I लेकिन अगर शत्रुघ्न सिन्हा अपना प्रचार ठीक से कर गये तो यहाँ का समीकरन बदल जाएगा
चुनाव ना लड़ कर भी पटना चुनाव में जीत हार का फैक्टर बन रहे है आर के सिन्हा

बीजेपी से नाराज चल रहे आर के सिन्हा को लेकर 2 दिन पहले शत्रुघ्न सिन्हा के दिए बयान के बाद इस चुनाव में एक बार फिर से आर के सिन्हा प्रासंगिक हो गये है I टिकट कटने के बाद आर के सिन्हा पटना से चले गये थे I मीडिया में उनके वोट वाले दिन ही वापस आने की चर्चाये भी थी I बीते दिनों एक इंटरव्यू में पटना में आर के सिन्हा ने दावा किया था कि उनको पटना साहिब में बीजेपी के प्रत्याशी के चुनाव के लिए कहा ही नहीं गया है इसलिए वो यहाँ प्रचार नहीं कर रहे हैइसके बाद 2 दिन पहले शत्रुघ्न सिन्हा से जब एक पोर्टल ने आर के सिन्हा की मदद को लेकर शत्रुघ्न सिन्हा को पूछा तो उन्होएँ आर के सिन्हा ना सिर्फ अपना सारथि बताया बल्कि यहाँ तक कह दिया की अगर वो या उनके पुत्र ऋतुराज पटना से चुनाव लड़ते तो वो इस सीट पर चुनाव ना लड़ने का सोच भी सकते थे Iइस एक बयान से पटना में आर एक सिन्हा के समर्थको में शत्रुघ्न सिन्हा को लेकर फिर सहानभूति की लहर दौड़ गयी I आर के सिन्हा को लेकर कायस्थों के मन में दबा हुआ दुःख पर ये एक मलहम होगया है कार्यकर्ता सतीश राजू ने कायस्थ खबर से कहा की हम आर के सिन्हा को लेकर शत्रुघ्न सिन्हा की सकारात्मक भावनाओं से अभिभूत है और उनका धन्यवाद करते है Iपटना की राजनीती को जानने वाले वरिष्ठ पत्रकार नीरज सहाय कहते है की इस सारे प्रकरण के बाद पटना साहिब में मुकाबला अब कडा हो गया है I वही अब कायस्थ समाज में ऐसी चर्चा है कि आर के सिन्हा के समर्थक अब रविशंकर प्रसाद की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं और इसका सीधा फायदा शत्रुघ्न सिन्हा को हो सकता है
आप की राय
आप की राय