पहले इसने भगोड़ा सांसद कह कह कर श्री शत्रुघ्न सिन्हा जी को बदनाम किया और फिर पटना के हर एक भा.ज.पा प्रोग्रामो में से इनका फोट़ो पोस्टर व बैनर हटवाया। छोटे मोदी ने देखा की इस समाज के 3 सासंद है और तीनो पटना साहेब से लोकसभा के टिकट का दावेदारी ठोक रहे है तब बहुत चालाकी से इसने श्री आर. के. सिन्हा जी का टिकट पटना से कटवाया क्यों की वह जानता था कि श्री सिन्हा जी का भा.ज.पा.मे इतना योगदान है, श्री आर.के .सिन्हा जी कभी नही सोचे होंगे की उनको लोकसभा का टिकट नही मिलेगा और वह यह भी जानता था कि श्री रविशंकर प्रसाद जी को टिकट मिलेगा तो वह पार्टी को मना नही कर पाएंगे। अब छोटा मोदी ने पहले एक सोची समझी चाल के तहत सिन्हा जी का टिकट कटवाया और फिर श्री रविशंकर जी को पटना साहेब का टिकट दिलवाया क्यों की वह यह जानता था की श्री आर.के.सिन्हा जी दुखी होकर कुछ दिन के लिए वह पटना से बाहर चले जाएंगे और इसी का फायदा उठाकर छोटा मोदी ने अपने कुछ लोगो द्वारा रविशंकर जी का विरोध एयरपोर्ट पर करवाया,और नाम आया की श्री आर.के.सिन्हा साहब के लोगों ने विरोध किया है टिकट नहीं मिलने के कारण। नतीजा यह हुआ कि छोटे मोदी के लोगों ने अफवाह फैलाया कि श्री आर.के.सिन्हा जी को टिकट नहीं मिलने से नराज है तो हो सकता है कि वह भा.ज.पा. के कायस्थ वोटर को शौटगण के पक्ष मे वोट करवायेंगे।इन्ही सब का फायदा छोटे मोदी ने उठाया और अब शायद यह कयास लगाया जा रहा है की स्टार प्रचारक के लिस्ट में नाम नही होने के कारण कही श्री आर.के.सिन्हा जी को राज्यसभा से सांसद दुबारा नही बनाया जाए।ज़रूर पढ़े : छ्टे और सातवे चरण के लिए बीजेपी के स्टार प्रचारको की लिस्ट में आर के सिन्हा का नाम नहीं, बीजेपी ने पटना साहिब में बदली रणनीति, क्या कायस्थ भी बदलेंगे अपना मन ?
5 साल हमारे माननीय श्री रविशंकर प्रसाद जी का कार्यकाल बचा है और वह हार भी जाते है तो उनका मंत्री पद बचा रहेगा। और दुसरी बात यह है की अगर माननीय श्री शत्रुघ्न सिन्हा जी जीत जाते है तो समाज के 3 सासंद रह जाएगे और माननीय श्री आर.के.सिन्हा जी को भी दुबारा राज्य सभा से सांसद बनने मे कोई छोटा मोदी का चाल कामयाब नहीं हो पाएगा और समाज में भी एक अच्छा मैसेज जाएगा कि कायस्थो से पंगा लेना मुसिबत मोल लेना है। अपना राय जरूर दे।
पुष्कर श्रीवास्तव लेख में दिए विचार लेखक के अपने है कायस्थ खबर का उनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है