परिस्थिति कोई भी हो ...लोकेशन वही रहेगी... इन्हीं शब्दों में पटना से लड़ने का ऐलान किया था शत्रुघ्न सिन्हा ने
जब पत्रकारों ने उनसे पूछा था कि अगर पटना से टिकट नहीं दिया कांग्रेस ने तो वह क्या करेंगे?
कितना भरोसा रहा होगा अपनी बिरादरी के कायस्थ मतों पर
जब उन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि लड़ना उन्हें पटना से ही है, फिर लोकसभा टिकट चाहे उन्हें कोई दे या न दे।
जाहिर है, शत्रुघ्न का कद और कायस्थ मतदाताओं पर उनकी पकड़ इतनी मजबूत तो है ही कि उन्हें उनकी शर्तों पर भाजपा न सही लेकिन कोई न कोई बड़ा राजनीतिक दल टिकट तो दे ही देता...लेकिन शत्रुघ्न जिस मिट्टी के बने हैं और जितना भरोसा वह पटना के कायस्थ मतदाताओं पर करते हैं, वह हैरतअंगेज है और हम कायस्थों के लिए फ़ख्र की बात है।हालांकि सिर्फ पटना ही नहीं, शत्रुघ्न को देशभर के कायस्थ मतदाताओं में भी या यूं कह लें कि अपनी कायस्थ बिरादरी पर इस कदर भरोसा है कि पटना से बहुत दूर उन्होंने कायस्थ बाहुल्य लखनऊ में भी कायस्थ बंधुओं पर भरोसा करके अपनी पत्नी को भी चुनाव मैदान में उतार दिया। दरअसल, देखा जाए तो इसमें कोई दो राय नहीं कि शत्रुघ्न चुनाव नहीं लड़ रहे हैं बल्कि वह तो राजनीति में कायस्थों को एक ताकत बनाने की ऐसी लड़ाई लड़ रहे हैं, जो उनसे पहले देश में किसी ने अभी तक नहीं लड़ने की हिम्मत नहीं जुटाई। शत्रुघ्न का कायस्थ मतों पर यह भरोसा देखकर हम कायस्थ मतदाताओं का भी फर्ज बनता है कि एकजुट होकर हम पटना में उन्हें ही वोट देकर विजय दिलाएंज़रूर पढ़े : अगर आर के सिन्हा या उनके पुत्र ऋतुराज को पटना साहिब से टिकट मिलता तो मैं यहाँ से नहीं लड़ने पर विचार कर सकता था : शत्रुघ्न सिन्हा का बड़ा बयान
भले ही उनके मुकाबले एक और कायस्थ उम्मीदवार रवि शंकर प्रसाद भी मैदान में हों...क्योंकि रवि शंकर जीते तो लोग तो यही कहेंगे कि भाजपा जीती है...जबकि शत्रुघ्न जीते तो पूरा देश कायस्थ मतों की ताकत जान जाएगा...यह देखकर कि उन्हें पटना के कायस्थों ने एकजुट होकर जिताया है। इसलिए ध्यान रखिये कि शत्रुघ्न की जीत में ही हमारे समाज की राजनीतिक ताकत का ऐलान छिपा है। वैसे भी, पटना साहिब सीट तो शत्रु जी की ही रही है...उन्होंने पहले ही कह दिया था कि बीजेपी अगर उन्हें टिकट नहीं भी देगी तो भी वह पटना साहिब से ही लड़ेंगे...दल कोई भी हो मगर उन्हें कायस्थ बिरादरी के मतों पर जो भरोसा है, वह भरोसा हमें बनाये रखना है। अश्वनी कुमार श्रीवास्तव लेख में दिए विचार लेखक के अपने है कायस्थ खबर का उनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है