कायस्थ खबर डेस्क I बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से १५० से ज्यदा बच्चे मर गये पर समाजसेवियों को या तो जेपी नड्डा को बधाई देने से फुर्सत नहीं या फिर बिकने वाले सम्मान लेने में I ऐसे में इन छद्म समाजसेवियों और सम्मान पाने वाले नेताओं की भीड़ से अलग ये साहब हैं आनन्द दत्ता (Anand Dutta)... एक बेहतरीन पत्रकार, फोटोग्राफर, रांची में रहते हैं। बिहार के कुख्यात चमकी बुखार के खिलाफ जागरुकता अभियान में जमकर लगे हुए हैं...कल शाम रांची से चले, सुबह मुजफ्फरपुर पहुंचे। अस्पताल में कैम्प किया... पब्लिक फंडिंग से प्राप्त पैसों से पहले मरीज के परिजनों के लिये खाने का इन्तजाम कराया... फिर पीने के पानी की व्यवस्था में जुट गये। दो वाटर प्यूरिफायर लगवा चुके हैं, तीसरा लगवा रहे हैं।

इस बीच इनकी नजर गयी कि अस्पताल परिसर में 13-14 प्यूरिफायर पहले से लगे हैं, जो छोटी-छोटी गड़बड़ी की वजह से बन्द हैं, सो उनको ठीक कराने में जुट गये... फिर नजर गयी कि परिजनों के बैठने की जगह लगे कई पंखे खराब हैं, इसके लिये इलेक्ट्रिशियन बुला लिए... मुश्किल से 70-80 हजार रुपये खर्च हुए होंगे, लेकिन इन्होने मरीज के परिजनों के खाने-पीने और इस भीषण गर्मी में चैन से बैठने की व्यवस्था कर दी है...आनंद दत्ता ने अपनी वाल पर लिखा है कि शुरुआती काम हो चुका, भले ही अब पैसा मत भेजिए, परन्तु गाँव-गाँव जाकर चमकी बुखार के खिलाफ जमीन पर काम करके जागरूकता अभियान के लिए वालंटियरों की अधिक आवश्यकता है... इसे कहते हैं पत्रकारिता... और अभी उमर भी ज्यादा नहीं है बंदे की...
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