शर्म करो ममता बैनर्जी : बंगाल सरकार की किताब में खुदीराम बोस को बताया आतंकी..!
कायस्थ खबर डेस्क I पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार एक बार फिर विवादों में घिर गयी है. इस बार आठवीं कक्षा की इतिहास की किताब में स्वतंत्रता सेनानियों को आतंकवादी बताया गया है. किताब में ‘रिवोल्यूश्नेरी टेररिज्म’ नामक पाठ में शहीद खुदीराम बोस, जतींद्रनाथ मुखर्जी और प्रफुल्ला चाकी को उग्रवादी और आतंकवादी कहा गया है.
पश्चिम बंगाल राज्य शिक्षा विभाग की लापरवाही का आलम यह है कि खुदीराम बोस जैसे अमर क्रांतिकारी को आतंकवादी बना दिया गया है। राज्य सरकार की आठवीं की इतिहास की किताब में खुदीराम बोस को आतंकवादी बताया गया है। किताब का एक स्नैपशॉट फेसबुक, ट्विटर और अन्य सोशल साइट पर साझा किया जा रहा है। ट्विटर पर भी लोग #TMCBookTerrorism हैशटैग के साथ तृणमूल सरकार की कड़ी आलोचना कर रहे हैं।
प्रसिद्ध इतिहासकार अतीश दासगुप्ता ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा, 'यहां तक कि ब्रिटेन भी इन्हें असली फ्रीडम फाइटर के रूप में मान्यता देता है, आप कैसे इन सपूतों को आतंकवादी कह सकते हैं। दोनों देश के महान सपूत थे। आप इन्हें आतंकी कहकर देशद्रोही बता रहे हैं। यह न केवल तथ्यों से खिलवाड़ है, बल्कि इतिहास के साथ-साथ स्वतंत्रता आंदोलन की पंरपरा का भी अपमान है।
इतिहास की इस किताब को तैयार करने वाले शिक्षक निर्मल बनर्जी से मंगलवार को जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ब्रिटिश सरकार ने खुदीराम बोस को आतंकवादी कहा था। मैंने उसी तथ्य को लिखा है। मैं इतिहास से छेड़छाड़ नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि यह पढ़ाने वाले शिक्षकों का काम है कि बच्चों को आतंकवादियों और क्रांतिकारियों में अंतर समझाएं। राज्य शिक्षा विभाग का कहना है कि शिक्षा वर्ष 2020 से पहले इस भूल को सुधार पाना संभव नहीं हो सकेगा।
सुभाष चंद्र बोस के परिवार वालों ने इसे शर्मनाक कहते हुए तत्काल इस चैप्टर को हटाने की मांग की है। बोस के पड़पोते चंद्र कुमार बोस ने कहा कि जिसने भी ऐसी गलती की है उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि यह भूल और किसी गलतफहमी में हो गई तो भी देखा जाना चाहिए क्यों और कैसे हुआ? लेकिन ऐसा जानबूझकर किया गया है तब तो यह मामला और गंभीर है।
वाहे नेता तथागत रॉय ने कहा कि यह चैप्टर ममता सरकार की मंशा को साफ करता है। रॉय ने कहा, 'ऐसा मालूम पड़ता है कि प्रदेश सरकार ने अपने किसी चापलूस को इस काम में लगा दिया है। यदि कोई इतिहासकार ने ऐसा किया है तो भी पूरी तरह से बकवास है।