प्रयागराज में अभाकाम के कार्यक्रम में हंगामा : वरिष्ठ कायस्थ नेता टीपी सिंह ने महामंत्री विश्वमोहन कुलश्रेष्ठ को सुनाई खरी खरी
कायस्थ खबर डेस्क I प्रयागराज में हो रहे अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के कार्यक्रम में अचानक ही आयोजको के लिए अजीब सी स्थिति उत्पन्न हो गयी जब मंच पर प्रयागराज के सशक्त कायस्थ हस्ताक्षर और वरिष्ठ अधिवक्ता टीपी सिंह अखिल बहर्तीय कायस्थ महासभा के महामंत्री विश्वमोहन कुलश्रेष्ठ पर ही बिगड़ गये और उनको खरी खोटी सूना दी I इससे पहले आज टीपी सिंह को उनके कायस्थ हित में किये गये कार्यो के लिए सम्मानित भी किया गया I
प्रयागराज से आ रही खबरों के अनुसार आज इस कार्यक्रम में जैसे ही रोहित सक्सेना के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की घोषणा हुई टीपी सिंह, विश्व मोहन कुलश्रेष्ठ से मुखातिब होते हुए उनको कुछ कहने लगे , सूत्रों के अनुसार उनका गुस्सा बीते समय अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के २ गुटों में से एक के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अब वर्तमान में उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष ए के श्रीवास्तव की जगह रोहित सक्सेना को बनाए जाने से थी I
आपको बता दें कि अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के २ बड़े गुटों के बीच २ साल पहले हुए इस आपसी समझोते में टीपी सिंह ही मुख्य भूमिका में थे उन्ही के आश्वसन पर कोर्ट के बाहर दोनों गुटों में समझोता हुआ और तब पारिया गुट के रास्ट्रीय महामंत्री विश्वमोहन कुलश्रेष्ठ महामंत्री बने और विलय के बाद हुई एक अभाकाम के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तोर पर एके श्रीवास्तव को बनाने की बात की गयी I लेकिन उसके बाद हुए पहले अधिवेशन में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुबोध कान्त सहाय को राष्ट्रे अध्यक्ष घोषित कर दिया गया और एके श्रीवास्तव को उत्तर प्रदेश अध्यक्ष बनाया गये लेकिन आज जब उनसे उत्तर प्रदेश अध्यक्ष का पदभार लेकर रोहित सक्सेना को अध्यक्ष बनाने की घोषणा हुई तो टीपी सिंह नाराज हो गये I सूत्रों की माने तो उन्होंने विश्वमोहन कुलश्रेष्ठ को इस तरह से किये बदलाब को गलत कहा और राष्ट्रे अध्यक्ष सबोध कान्त सहाय से ही अखिल भारतीय कायस्थ महासभा को संभालने को कह कर अपने घर चले गये
खबर लिखे जाने तक सुबोध कान्त सहाय टीपी सिंह को मानाने उनके घर गये हुए थे जिसके बाद उन्हें वापस दिल्ली लौटना था I ऐसे में अखिल भारतीय कायस्थ महासभा में महामंत्री विश्वमोहन कुलश्रेष्ठ की कार्यशैली पर सवालिया निशान एक बार फिर लगे हैं , आखिर अखिल भारतीय कायस्थ महासभा में संगठन के तोर पर कुछ भी पारदर्शी क्यूँ नहीं है ये सवाल पहले भी लगते रहे है कई महत्वपूर्ण लोग विश्व मोहन कुलश्रेष्ठ के चलते महासभा को छोड़ चुके है I