पत्नी के कैंसर का इलाज कराने गये मुंबई में बिहार के अतुल श्रीवास्तव की दर्दनाक कहानी, पत्नी अभी जिन्दा मगर लॉकडाउन में परेशान होकर कर रहे अंतिम संस्कार की तैयारी
बिहार का रहने वाला एक कायस्थ अपनी बीमार पत्नी की गंभीर हालत को देखकर इसकदर टूट गया है कि उसने अपनी पत्नी के जिंदा रहते हुए ही उसके अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी है। वहीं, महिला की अंतिम इच्छा बस इतनी है कि वो एक बार अपने बच्चों को देखना चाहती है, उनसे मिलना चाहती है। लेकिन उनके पति के पास इतने पैसे नहीं हैं कि वो लॉकडाउन में एंबुलेंस से अपनी पत्नी को बिहार लेकर जा सकें।
दरअसल, बिहार के अतुल श्रीवास्तव अपनी पत्नी बंदना और उनकी छोटी बहन के साथ मुंबई के परेल में हैं। 35 वर्षीय बंदना काफी समय से बीमार थीं, उन्हें किडनी का कैंसर है। उनकी लगातार बिगड़ती हालत को देखते हुए इलाज कराने के लिए 45 वर्षीय अतुल उन्हें लेकर 9 मार्च को मुंबई आ गए। परेल के केईएम अस्पताल में बंदना का इलाज शुरू हुआ, ऐसे में पत्नी को रोजाना डॉक्टर को दिखाने के लिए अतुल ने अस्पताल के पास में ही एक कमरा किराये पर ले लिया।
अतुल लगातार बंदना के इलाज में जुटे रहे लेकिन उनकी तबीयत में कोई सुधार नहीं हुआ। इस बीच परेल में बंदना का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने भी अतुल को सलाह दी कि उनकी पत्नी ज्यादा दिनों तक जीवित नहीं रहेंगी, ऐसे में वो उन्हें लेकर घर चले जाएं। वहीं बंदना भी लगातार बिगड़ रही स्वास्थ्य स्थिति के बीच एक बार अपने बच्चों से मिलना चाहती हैं। अतुल-बंदना के दो बच्चे हैं जिनकी उम्र क्रमशः 10 और 11 साल है। दोनों ही बच्चे बिहार में हैं, जबकि वो मुंबई के परेल में हैं।अतुल लगातार बंदना के इलाज में जुटे रहे लेकिन उनकी तबीयत में कोई सुधार नहीं हुआ। इस बीच परेल में बंदना का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने भी अतुल को सलाह दी कि उनकी पत्नी ज्यादा दिनों तक जीवित नहीं रहेंगी, ऐसे में वो उन्हें लेकर घर चले जाएं। वहीं बंदना भी लगातार बिगड़ रही स्वास्थ्य स्थिति के बीच एक बार अपने बच्चों से मिलना चाहती हैं। अतुल-बंदना के दो बच्चे हैं जिनकी उम्र क्रमशः 10 और 11 साल है। दोनों ही बच्चे बिहार में हैं, जबकि वो मुंबई के परेल में हैं।
डॉक्टरों की सलाह और पत्नी की अंतिम इच्छा के बावजूद अतुल की आर्थिक स्थिति अब ऐसी नहीं रह गई है कि वो वापस अपने घर जा सकें। उनके पास अब महज तीन हजार रुपये बच्चे हैं, जबकि परेल से पत्नी को एंबुलेंस में बिहार ले जाने के लिए करीब 70 हजार रुपये की जरूरत है। अतुल की मानें तो उनके पास इतने पैसे नहीं हैं, इसलिए वो बिहार जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। यही नहीं हालात की गंभीरता को देखते हुए अब उन्होंने खुद को कमरे में कैद कर लिया और अपनी पत्नी के अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी है।
लॉकडाउन का तीसरा चरण शुरू होने के साथ ही बंदना के स्वास्थ्य में गिरावट का दौर जारी है। उन्होंने खाना-पीना छोड़ दिया है। हालांकि, उनके दिमाग में बस एक ही बात चल रही है कि उन्हें अपने बच्चों के पास जाना है। बंदना की मानें तो बस यही उनकी आखिरी ख्वाहिश है।ये स्टोरी हमें NBT से मिली, हमारे पास बिहार के अतुल श्रीवास्तव की कोई डिटेल नहीं , बिहार और परेल मुंबई के कायस्थ अगर आगे आकर इस मामले में मदद करें तो एक माँ मरने से पहले पटना पहुँच कर आखरी बार बच्चो को देख पायेगी update @9PM