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के पी ट्रस्ट के वोटर्स की मन की बात: चंद लोगो के अलावा किसी को इसमें रुचि नहीं, सब पैसे लूट रहे कोई सेवा नही करता, डिजिटल इंडिया के दौर में केपी ट्रस्ट पिछड़े गांव जैसा

अतुल श्रीवास्तव । जैसा की हमने कहा था जल्द ही हम लेकर आ रहे है कायस्थ पाठशाला ( के पी ट्रस्ट ) के वोटर की मन की बात को तो आज हम आपके सम्मुख प्रस्तुत कर रहे है विभिन्न जनपदों से जुड़े हुए न्यासी क्या चाहते है ट्रस्ट से और क्या अपेक्षा रखते है. और के पी ट्रस्ट के विषय में क्या राय रखते है , उसके लिए हमने कई जनपद के वोटर्स से बात की और वर्तमान इलेक्शन के विषय में समझा है ।

दिल्ली एनसीआर के वोटर्स का चुनाव में नहीं है रुचि, डिजिटल इंडिया के दौर में केपी ट्रस्ट पिछड़े गांव जैसा

हमने इस सीरीज वोटर के मन की बात में पहले एपिसोड में दिल्ली एनसीआर के 100 से जायदा वोटर्स से बात की । ज्यादातर वोटर्स को चुनाव में कोई इंट्रेस्ट नहीं है उनका कहना है की अब के पी ट्रस्ट पूर्णतया पारिवारिक संस्था बन चुकी है, परिवारवाद चरम पर है और सेवा भावना जैसी कोई बात नहीं रह गई है, केपी ट्रस्ट के लिए कायस्थ शब्द का कोई अर्थ नहीं रह गया है ।

वही कुछ का कहना है कि उन्हें चुनाव के विषय में कोई जानकारी नहीं है अभी तक किसी भी प्रत्याशी ने उनसे कोई संपर्क नहीं किया है । तो डिजिटल इंडिया के दौर में वोटिंग लिस्ट ऑनलाइन न होना भी कई कायस्थों के लिए एक बड़ा मुद्दा है । लोगो का स्पष्ट कहना है कि कायस्थ समाज को पड़े लिखे वर्ग में गिना जाता है किंतु प्रयाग राज स्थित इस ट्रस्ट के दावे और हकीकत में अंतर है । आज के बदले दौर में भी वोटिंग लिस्ट को ऑनलाइन ना कर पाना इसके नीति नियंताओं की बड़ी विफलता है । असल में लोगो ने इसको चुनाव लड़ने और जीतने वालो की शैक्षिक और बौद्धिक योग्यता से जोड़ दिया है । दिल्ली एनसीआर जैसी जगह रह रहे लोगो को लगता है कि बुलेट ट्रेन के दौर में केपी ट्रस्ट पिछड़े गांव जैसा है और इसके पदाधिकारी आज भी वही अटके हुए है ओर लाल बहादुर शास्त्री जैसे नेता के नाम की मलाई खा रहे है ।

चुनाव का स्तर बेहद निम्न, लड़ाई झगड़े में कौन जाए ?

वर्षो से दिल्ली एनसीआर आ गए कायस्थों के मन मे अब केपी ट्रस्ट में कोई अध्यक्ष बन जाए वाली स्थिति है । उनके अनुसार उनकी याद सिर्फ इलेक्शन समय ही आती है । उस समय उनकी काफी आवभगत की जाती है बाद में उनको कोई पूछता भी नहीं है और कायस्थ पाठशाला ने पिछले बीस वर्षो में ऐसा कुछ नहीं किया है जिस पर वो गर्व कर सके की वो कायस्थों का ट्रस्ट है। सिवाय लड़ाई झगडे के वह कुछ नया नहीं है।

आज कल चुनाव प्रचार सोशल मीडिया से हो रहा है जहा पर प्रत्याशी समर्थक बेहद गन्दगी कर रहे है गाली गलौज करना आम बात है कायस्थ समाज की ट्रस्ट न होकर पंचायत चुनाव बन गया है जिससे वोटर का मन खिन्न है। कई वोटर के पते बदल गए है ट्रस्ट ने आज तक ये जानने की कोशिश नहीं की की उनका न्यासी कहा है,

कोठी के आतंक से लोग हुए उदासीन, बोले कोई नृप होय हमे क्या हानि

कायस्थ खबर के पूछने पर कि आपको किसका पलड़ा भारी दिख रहा है तो कई ने इस पर बोलने से इंकार कर दिया कुछ लोग प्रत्याशी के तौर पर अलग अलग मत में विभक्त दिखे कुछ खुले तौर पर कोठी और चोधरी राघवेंद्र नाथ का पक्ष भारी बताते है । उनके अनुसार चौधरी परिवार की दबंगई और सरकार में सिद्धार्थ नाथ सिंह का होना इस चुनाव को एक तरफा बनाता है । पिछले चुनाव में में सिद्धार्थ नाथ सिंह बीजेपी सरकार मे मंत्री थे और चुनाव वाले दिन कांग्रेस प्रष्ठभूमि के अपने भाई को जिताने के लिए मतदान स्थल पर आ गए थे जिससे प्रशासनिक अमला ओर मतदाता दबाव में आ गए थे । बीते दिनो एक वायक्ति को पीटे जाने के वायरल विडियो मे लोगो को बहुत रोष मे भर दिया है लोगो के अनुसार इसमे कोठी के समर्थको ने एक वायक्ति को दौड़ा दौड़ा कर पीटा है ऐसे मे कौन जाएगा वोट डालने या फिर ऐसे गुंडो से पिटने I वो मानते है कोठी की दबंगई के कारण ही ट्रस्ट अब सरकार को सौप देना चाहिए जिससे इसका सदुपयोग हो सके I

आज का सर्वे, ट्विटर पर जाकर वोट अवश्य दें : वर्तमान केपी ट्रस्ट चुनाव के लिए नामांकित प्रत्याशियों में कौन आपका पसंदीदा प्रत्याशी है ?

यधपि कुछ डॉक्टर सुशील सिन्हा का खुला समर्थन करते भी दिख रहे है, तो इनमे न्यासिओ ने इस बार सदस्य का चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों का नाम भी लिया कि वो जिसको कहेगे उनका वोट उसी को जाएगा ।

किंतु इस बार ये अंदाजा लगाना अभी उनको मुश्किल दिख रहा है की कौन विजयी होगा, अधिकतर नयासियो का कहना था कि अभी इलेक्शन में काफी वक़्त है और कौन प्रत्याशी उनसे संपर्क करता है उस बिना पर वो निर्णय लेंगे। अभी तक सारे विपक्ष के द्वारा खड़े किये गए कैंडिडेट होने और पढ़े लिखे होने के कारण अभी वो सुशील सिन्हा को एक मजबूत कैंडिडेट तो मान रहे है और उनकी ट्रस्ट से बहुत अपेक्षाएं है ।

दिल्ली एनसीआर के बाद हम जल्द ही हाजिर होंगे के पी ट्रस्ट के वोटर की मन की बात के अगले एपिसोड में किन्ही अन्य जनपदों के वोटर के मन की बात के साथ ,अगर आप भी अपने मन की बात को कहना चाहते है तो नीचे दिए गए हमारे व्हाट्स एप और ईमेल एड्रेस kpTrustelection@kayasthkhabar.com पर मेल करके अपने मन की बात बता सकते है आपका नाम बिलकुल गुप्त रखा जाएगा।

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