अतुल श्रीवास्तव । कोठी के अहंकार को तोड़कर विरोधियों के एक साथ आने के बाद अध्यक्ष बने डॉक्टर सुशील सिन्हा क्या कायस्थ राजनीति के बीपी सिंह साबित होने जा रहे हैं ?
प्रयागराज में केपी ट्रस्ट की राजनीति और वहां के लोगों के बढ़ते असंतोष को देखते हुए तो ऐसा ही लग रहा है हालात यह हो गए हैं कि फिलहाल डॉक्टर सुशील सिन्हा कैंप के बैनर तले लड़ रहे मेंबर्स ने भी उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है । रोचक तथ्य है कि डॉक्टर सुशील सिन्हा तो यह चुनाव जीत गए थे किंतु उनके साथ लड़े लोगों में सिर्फ पांच ही लोग चुनाव जीत पाए थे । सोशल मीडिया पर अब उनके समर्थन में लड़े सदस्यों ने आरोप लगाना शुरू किया है कि सुशील सिन्हा ने सब से यह वादा किया था कि अगर वह हर भी जाते हैं तो नॉमिनेट होने वाले 30 सदस्यों में उनको ले लिया जाएगा ।
इन्हीं सबके बीच स्थिती यह आ गई है कि अब डॉक्टर सुशील सिन्हा से जुड़े लोग ही चुनाव के बाद उनके संवाधीन होने की चर्चाओं के बीच धन्यवाद प्रस्ताव सभा की मांग करने लगे हैं ताकि दबी जुबान में पनप रहा असंतोष किसी तरीके से शांत हो।
किंतु कायस्थ खबर को मिली जानकारी के अनुसार अब आम न्यासी इन सहयोगियों और आम कायस्थ की शिकायत यहीं है कि उनको इग्नोर किया जा रहा है यहां तक कि फोन भी नही उठाए जा रहे है । इसके उलट जो चुनाव में कही नही थे वो आज महत्वपूर्ण हो गए है
ऐसे में बड़ा प्रश्न यह है कि क्या महज 2 महीने बाद ही डॉक्टर सुशील सिन्हा के खिलाफ प्रयागराज में असंतोष बढ़ता जा रहा है या फिर राजनीति के दौर में एक बार फिर से कोठी के लोग इंदिरा गांधी की तरह अपने विपक्षियों को तोड़ने के खेल में सफल होते देख रहे हैं
इन सभी बातों पर कायस्थ खबर की नजर लगातार बनी हुई है और जल्द ही आने वाले समय में जो भी परिवर्तन होंगे वह आपको कायस्थ खबर पर मिलते रहेंगे ।
कायस्थ जागो विश्व जगाओ