उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भले ही मीडिया और पत्रकारों के साथ अपने जनप्रतिनिधियों को सौहार्दपूर्ण संबंध रखने को कहते हैं किंतु सत्ता के नशे में चूर ये जनप्रतिनिधि किस कदर निरंकुश है कि इनके बारे में इनकी इच्छा के विरुद्ध सच अगर कोई भी अखबार या न्यूज़ पोर्टल छाप दे तो वह उससे मुंह छुपाना शुरू कर देते हैं उसके नंबर को सोशल मीडिया पर ब्लॉक करना शुरू कर देते हैं ।
ऐसा ही कुछ फिलहाल कायस्थ समाज की आवाज़ कहे जाने वाले न्यूज़ पोर्टल कायस्थ खबर के साथ प्रयागराज से एमएलसी केपी श्रीवास्तव ने किया है I कदाचित कायस्थ खबर ने बीते दिनों वंशज सभा के चुनाव के दौरान एमएलसी केपी श्रीवास्तव और प्रयागराज के वरिष्ठ अधिवक्ता टीपी सिंह के बीच हुई कहा सुनी पर दोनों का पक्ष प्रकाशित किया था किंतु इसके बाद विधायक केपी श्रीवास्तव के व्हाट्सएप पर भेजी जाने वाली न्यूज़ डिलीवर होना बंद हो गई जिसका स्पष्ट मतलब है की विधायक ने कायस्थ खबर के संपादक का नंबर व्हाट्सएप पर ब्लॉक कर दिया है।
ऐसे में बड़ा प्रश्न यह है कि क्या भाजपा के विधायक अब इस तरीके से जनता के साथ-साथ पत्रकारों के नंबर ब्लॉक करके भाजपा सरकार को मुसीबत में डाल रहे हैं क्या जनप्रतिनिधियों की ऐसी ही व्यवहार के चलते भाजपा को उत्तर प्रदेश में 2024 के लोकसभा चुनाव में पूरी हांर मिली है। अपनी ही जाति के सबसे प्रतिष्ठित न्यूज़ पोर्टल को ब्लाक करके वो क्या कायस्थ समाज को ठेंगे पर रखने का सन्देश देना चाहते है या उन्होंने कायस्थ समाज पर अपना एकाधिकार समझ लिया है I
किसी भी स्वस्थ लोकतंत्र में यह आवश्यक है कि जनप्रतिनिधियों और मीडिया के बीच असहमति के बावजूद कम्युनिकेशंस बने रहे । किन्तु अगर नंबरों को ब्लॉक करके जनप्रतिनिधि यह समझेंगे की समाचार छपने बंद हो गए तो आने वाले उपचुनाव में इसका परिणाम भाजपा सरकार के लिए और भी खराब हो सकता है ।
ऐसे में कायस्थ खबर तो अपने समुदाय के विधायक से यही प्रार्थना करता है कि अगर किसी टेक्निकल इश्यू के कारण उनके नंबर पर कायस्थ खबर के संपादक के नंबर को ब्लॉक कर दिया गया है या कुछ और कारण है तो उसे सही कर ले। क्योंकि अपने ही समुदाय और उसकी आवाज कहे जाने वाले कायस्थ खबर को ब्लॉक करने से विधायक समाज का भी कोई भला नहीं कर पाएंगे