कायस्थ पाठशाला में कुमार नारायण को सभी पदों से हटाए जाने के बाद डॉक्टर केपी श्रीवास्तव डॉक्टर सुशील सिंह बनाम टीपी सिंह की लड़ाई अब खुलकर सामने आ गई है कल देर शाम कुमार नारायण को निकाले जाने के बाद कायस्थ पाठशाला में तलवारे खिच गए है ।
कायस्थ पाठशाला के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता टीपी सिंह ने आज एक पोस्ट लिखते हुए कहा की भाजपा विधायक डॉ केपी श्रीवास्तव ने उन्हें चुनौती दी है और वह उसे स्वीकार करते हैं । उन्होंने लोगों से अपील की की इसकी ज्यादा चर्चा ना करें और सही समय का इंतजार करें। जो होता है भले के लिए होता है उन्होंने डॉक्टर सुशील सिन्हा को समर्थन देने को अपनी भूल बताते हुए कहा कि मेरे और चौधरी परिवार की लड़ाई के बीच का फायदा उठाकर कुछ गलत लोग हमसे जुड़ गए । हो सकता है अब उनका खेल समाप्त हो जाए ।
कुमार नारायण को हटाए जाने को लेकर उन्होंने डॉक्टर सुशील सिन्हा पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा की कुमार नारायण अगर चुनाव लड़ते तो डॉक्टर सुशील सिन्हा का जीतना मुश्किल था उन्होंने के कहने पर ही कुमार नारायण चुनाव में बैठे थे दोनों पक्षों के बीच कुमार को महामंत्री बनाए जाने की बातें हुई थी किंतु कुमार वरिष्ठ उपाध्यक्ष बन कर भी उनके कहने पर ही संतुष्ट हुए । अब उनको जिस तरीके से हटाया गया उसके लिए वह डॉक्टर सुशील के साथ स्वयं को भी दोषी मानते हैं । इसलिए उनका दायित्व है कि वह अब कुमार का साथ दें
टीपी सिंह ने अपने वक्तव्य में डॉक्टर के पी के साथ हुई गहमागहमी के बीच उनके ड्राइवर द्वारा उनको अपशब्द कहे जाने को अभद्र व्यवहार मानने से इनकार करते हुए मीडिया पर आरोप लगाया कि उन्होंने गलत बात कही, बात का बतंगड़ बना दिया हालांकि किसी को अपशब्द कहना अभद्र व्यवहार के अंतर्गत ही आता हैI आपको बता दें कि ड्राइवर द्वारा टीपी सिंह को अपशब्द कहे जाने का विरोध जब पाठशाला प्रवक्ता सुमित श्रीवास्तव ने किया तो बकौल टीपी सिंह अध्यक्ष सुशील सिन्हा ने कहा कि तुम इसमें क्यों पड़ रहे हो । जिसके बाद। सुमित ने त्यागपत्र दे दिया । ये सब राजनीति में होता है ।
बहराल शनिवार की सुबह जिस तरीके से पूर्व अध्यक्ष टीपी सिंह ने अपनी बातों को स्पष्ट करते हुए कायस्थ पाठशाला के नए अध्याय को शुरू करने की बात कही है उसे अब लगता है कि आने वाले दिनों में डॉक्टर सुशील सिन्हा के लिए कायस्थ पाठशाला में काम करना बेहद मुश्किल होने वाला है I चौधरी पक्ष जहां एक और डॉक्टर सुशील सिंह के पक्ष के बिखरने का इंतजार बेताबी से कर रहा था वही डॉक्टर सुशील सिन्हा के सबसे मजबूत स्तंभ टीपी सिंह का खुलकर आना उनके साम्राज्य की चूल हिलाने के लिए काफी नजर आ रहा है।
वही प्रयागराज के ही कायस्थ पाठशाला की राजनीति को जानने वाले मान रहे हैं कि दरअसल डॉक्टर सुशील सिन्हा डॉक्टर के पी श्रीवास्तव के खेल में फंस चुके हैं अब डॉक्टर केपीके पक्ष में झुकाव दिखाने के चलते जिस तरीके से उन्होंने टीपी सिंह कैंप को किनारे लगाने के काम किए हैं उससे कायस्थ पाठशाला में आने वाले दिनों में क्या होगा, क्या कायस्थ पाठशाला में कम्युनिटी सेंटर को लेकर चल रहे कमीशन के खेल को रोका जा सकेगा? क्या धर्मशाला के नाम पर जो बड़ी-बड़ी घोषणाएं की गई हैं उनको जमीन पर उतर जा सकेगा या फिर डॉक्टर सुशील सिन्हा के किए गए सभी बड़े वादे जल्द ही धराशाही हो जाएंगे यह सब देखेंगे हम कायस्थ ।