

हमीर पुर की घटना के विरोध कानपुर मे प्रदर्शन , कैंडल मार्च
हमीर पुर की घटना के विरोध में कानपुर मे धरना परदेसन और कैंडल मार्च का आयोजन किया गया जिसमे इं मयंक श्रीवास्तवके नेतृत्व में कायस्थ समाज के विभिन्न लोग व प्रदीप कुमार सिन्हा (सचिव), अजय कुमार सक्सेना, राकेश श्रीवास्तव, वी पी श्रीवास्तव, ज्ञान स्वरूप सक्सेना, अनिल सिन्हा, राजीव श्रीवास्तव, सचिन सिन्हा, पवन सक्सेना, विक्रांत श्रीवास्तव आदि भारी संख्या में पहुंचे
गौरतलब है की कायस्थों ने सबसे पहले दिनांक २६जुलाई को हमीरपुर जा कर विशाल धरना प्रदर्शन किया वऔर इसी क्रम मे कानपुर में दिनांक ३१जुलाई २०१५ को सायंकाल४ बजे फूलबाग कानपुर में धरना प्रदर्शन व सांय काल ७बजे किदवई नगर चौराहे से बारह देवी चौराहे तक कैन्डिल मार्च किया गया इस अवसर पर श्री प्रदीप सिन्हा ने कायस्थ खबर को भेजे सन्देश में बताया कि25 जुलाई को हमीरपुर जिले के बिंवार में राजकुमार खरे जी के साथ जो घटना हुयी वह दुर्भाग्यपूर्ण है उनकी 17 साल की बच्ची के साथ हमीरपुर के समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष ज्ञानसिंह यादव के गुर्गे भूरा यादव और जितेंद्र यादव ने जो अपराध किया वह बर्दाश्त के बाहर है। पुलिश प्रशाशन को इस घटना के पूर्व में भी इन गुर्गों द्वारा की जा रही लगातार छेड़खानी की जानकारी दी गयी थी परंतु इस पर कोई कार्यवाही नहीं करने की परिणीति है यह घटना जिसमे हमने अपनी बच्ची को तो खोया ही उल्टा खरे परिवार को भी पुलिसिया ज्यादती का शिकार होना पड़ा.।उत्तर प्रदेश में जाती विशेष की गुंडागर्दी का आलम यह है कि उनके खिलाफ कहीं पर कोई भी सुनवाई नहीं की जाती है। अब तो उनका शिकार हम भी बनते जा रहे हैं ऐसे में आज इस घटना पर हमारी चुप्पी हमें ही महँगी पड़ने वाली है जाती विशेष की दबंगई में आज हमारी बहन बेटियों के इज्जत आबरू तक पहुँच चुकी है। अब हमें हमारी चुप्पी को तोड़नी ही होगी। मैं अपने समाज कइ सभी नेताओं सभी विधायकों सभी सांसदों से अपील करता हूँ कि वह इस घटना के विरोध में आगे आयें हमसभी को इसके विरोध में पुरे देश में एक आक्रोश पैदा करना होगा। ताकि उत्तरप्रदेश में यादवों की मनमानी और उनके द्वारा निर्दोष जनता को किस तरह प्रताड़ित और परेशान किया जा रहा है
