कानाफूसी : अवार्ड चाह्यी, यहाँ हाजिर है ?
कायस्थ समाज मे आजकल एक प्रसिद कायस्थ समाज सेवी और संगठन के संयोजक के कारनामो के किस्से चटकारे लेकर कहे सुने जा रहे है I सूत्रों की माने तो संयोजक महोदय ने पिछले दिनों किसी कार्यक्रम की तैयारी मे आये लोगो को काफी समय पहले हुए कायस्थों के एक बड़े सामाजिक कार्यक्रम के बचे हुए अवार्डो को दिलवा दिया I
इस पर उक्त सामाजिक कार्यक्रम मे भाग लिए लोगो ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है एक स्वतंत्र लेखक का कहना है इस तरह से उन्होंने उक्त कार्यक्रम मे मौजूद रहे लोगो का मजाक बना दिया है जो उसे को सफल बनाने मे लगे रहे और तब उनको सबसे अंत मे वो अवार्ड मिला
उसी कार्यक्रम से जुड़े एक और कार्यकर्ता ने अपना रोष प्रकट करते हुए कहा की आगे के लिए उन्हें सबक मिल गया है की अब कार्यक्रमों मे भाग लेने या उसमे स्वयंसेवक कार्यकर्ता बन्ने मे लोग पीछे हटेंगे क्योंकि सबको पता है की ये अवार्ड बाद मे भी उन संयोजक के घर से या संबंधो के आधार लिए जा सकते है I
बहराल सही हो या गलत , समाज मे सबके अपने अपने द्रष्टिकोण है कोई इसे हंस कर टाल दे रहा है तो कोई इसे बहुत गलत बता रहा है I समाज के कई वरिष्ठ लोगो का दबी जुबान मे ये भी कहना है की ये सब कायस्थ समाज की गुटबाजी और लोगो को अपनी और खीचने के तरीके मात्र है और ऐसा करके इन संगठनो की आपसी खीचतान और राजनीती सामने आ रही है