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गिरिडीह से कायस्थो का शंखनाद : राजेन्द्र बाबू ही थे संविधान निर्माता

कायस्थ वृन्द के तृतीय राष्ट्रीय सम्मेलन में झारखण्ड के गिरिडीह से कायस्थों ने हुंकार भरी है कि वह इतिहास से छेड़छाड़ कदापि बर्दास्त नही करेगें I वोटो की राजनीति के कारण उपेक्षा का दंश झेल रहे कायस्थ समाज में इस बात को लेकर खासा रोष व्याप्त है कि भारतीय संविधान सभा के अध्यक्ष डा0 राजेन्द्र प्रसाद जी थे तथा उनके अधीनस्थ सैकड़ो समितियाँ एवं उपसमितियाँ संचालित हो संविधान की रूपरेखा तय कर देशवासियों के समक्ष एक आर्दश संविधान प्रस्तुत करने को कृतसंकल्प थीं, उन्हीं समितियों में से एक समिति थी प्रारूप समिति जिसके अध्यक्ष डा० भीमराव अम्बेडकर थे और उनके सहयोगियों में मुख्यता के०एम०मुंशी व मणिशंकर अयंगर जैसे कानूनवेत्ता थे पर विकृत राजनैतिक व्यवस्था के दोमुहे स्वरुप ने दलितों के वोटो पर कब्जा जमाने के उद्देश्य से यह प्रचारित कर दिया कि संविधान का निमार्ण डॉ० अम्बेडकर द्वारा किया गया जबकि सच्चाई इससे इतर है। वास्तविक तथ्यों के आधार पर यह श्रेय डा0 राजेन्द्र प्रसाद जी को मिलना चाहिए क्योंकि संविधान सभा के अध्यक्ष राजेन्द्र बाबू ही थे I यदि हम संविधान की प्रस्तावना देखें तो हम पाते है कि उसमें कहा गया है कि :- " हम भारत के लोग, भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न समाजवादी पंथ निरपेक्ष लोकतन्त्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए, तथा उसके समस्थ नागरिकों को सामाजिक ,आर्थिक और राजनैतिक न्याय विचार अभिव्यक्ति ,विश्वास ,धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता ,प्राप्त कराने के लिए तथा उन सब में ब्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखण्डता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए ,दृण संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारिख 26 नवम्बर 1949 ई० को एतद्द्वारा इस संविधान को अंगीकृत ,अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं" अर्थात भारतियों का संविधान,भारतियों द्वारा निर्मित व उनको ही आत्मार्पित है ,और चूंकि उस संविधान सभा के अध्यक्ष होने के नाते बाबू राजेन्द्र प्रसाद जी के हस्ताक्षर भी उस पर मुद्रित हैं | इस से यह स्पष्ट है कि संविधान के निर्माता के रूप में सारा श्रेय उन्हीं को मिलना चाहिये। उक्त आयोजन झारखण्ड के गिरिडीह नगर में आयोजित हुवा , जहाँ दो दिवसीय कायस्थ वृन्द के तृतीय राष्ट्रीय सम्मेलन दिनांक 24-10-2015 व 25-10-2015 में नेतृत्वकर्ता समूह द्वारा विचार मंथन किया गया जहाँ मेरे द्वारा भी बक्तब्य देते हुए संवैधानिक साक्ष्य प्रस्तुत किए गए | इस आयोजन उपरान्त सर्व सम्मति से त्रिपुरारी प्रसाद बक्सी को झारखण्ड का मुख्य राज्य समन्वयक मनोनित किया गया |

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