“आभाकाम” समय आ गया है बदलाव का – आदित्य श्रीवास्तव
सभी आभाकाम ग्रुप वाले एक दुसरे को पद लोलुप बताते है और अपने को समाज का हितैशी ।पर यह अभी तक स्पष्ट नही हो पाया है की कौन समाज हीतैषी है अगर आप सभी समाज हीतैषी है तो आप सब समाज के सामने एक जगह आकर अपने-2 पद क्यो नही त्याग देते चुनाव प्रक्रिया हम सब कायस्थ मिलके दुबारा कर देंगे और सर्व सम्मति से नये पदाधिकारी चुने जायेंगे इससे समाज का बहुत भला होगा और आपलोगो के वजह से समाज की जो जग हसाई होती है उसपर पूर्ण विराम लग जायेगा।
आभाकाम की समस्या भी खत्म हो जायेगी अभी तीनो ही गुटो का नेतृत्व ऐसे हाथो मे है जिनका नाम भी कुछ लोग ही जानते है और समाज के मंचो से दुर-2 तक ईनका कोइ वास्ता नही है आलम यह है की समाज के सक्रिय लोग भी सायद ही इनको पहचानते है कायस्थ समाज की सबसे बडी प्राचीन संगठन ऐसे लोगो के हाथ मे होना बहुत दुखद है
आज जब समाज का युवा वर्ग कुछ कर गुजरने को ललाईत है ऐसे मे कही ना कही आभाकाम की यह समस्या उन युवाओ को उनके मुख्य मार्ग से भ्रमित करने का कार्य कर रही है और इसे कभी भी समाज सविकार्य नही करेगा अगर इन गुटो ने आपस मे इस मामले को जल्द नही सुलझाया तो फिर हम युवा इनके खिलाफ मोर्चा खोलेंगे और ऐसे लोगो का सामाजिक बहीस्कार करेगे मेरी बाते कुछ उत्तेजक जरूर है पर यह सत्य है अब हम युवा और बर्दास्त नही कर सकते ऐसे लोगो को जिन्हे समाज से ज्यादा पद प्यारा है। आप सबका क्या विचार है??
आदित्य श्रीवास्तव
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