क्या चित्रांश वेलफेयर ट्रस्ट के विवादित पक्षों में समझोते की बात कह कर पंकज भैया फंस गये है ?
३ दिन पहले पंकज भैया ने घोषणा की थी की वो चित्रांश वेलफेयर ट्रस्ट के सभी पक्षों को अपने कायस्थ वाहनी आफिस में बुलाकर कर समझोते की अंतिम कोशिश करेंगे I इसलिए २९ तारीख तक कोई भी अपने सार्वजानिक बयान नहीं दे I लेकिन जैसा की अक्सर होता है सब ने पंकज भैया से मीटिंग की हामी तो भर दी लेकिन सार्वजनिक तोर पर शब्दों के व्यंग वार खुलासे करने नहीं छोड़े I
पंकज भैया लगातार एक ही अनुरोध करते रहे की लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी यहाँ तक की कल एक बार वो भी दुखी हो कर कह बैठे की
न जाने क्यों लगने लगा है की लाख समझने के बाद भी की 28 की मीटिंग के बाद प्रतिक्रिया करें फिर भी कुछ लोगों ने जैसे कसम खा रख्खी है की इस समस्या का समाधान नहीं होने देना है आखिर क्या साबित करना चाहते हैं
कायस्थ खबर को अब तक मिली सुचना के अनुसार लोग चाहते तो है की वापसी भी हो पद भी मिले लेकिन भावनाओं और बयानों पर नियंत्रण रखने में असमर्थ पा रहे है I कोई भी पक्ष अपनी बारी को नहीं छोड़ रहा है I
देखा जाए तो इस समय पर आकर कायस्थ वृंद की गुटबाजी खुल कर आ गयी है , इसमें जहाँ एक और संजीव सिन्हा , उनकी धर्म पत्नी रमण सिन्हा और उनके १ या २ शुभचिंतको ने कमान संभाली हुई है I तो दूसरी और अलग अलग समय संजीव सिन्हा के निशाने पर रहे सभी लोग अब संजीव सिन्हा के खिलाफ एक हो गए हैं I हालात ये है की अब दोनों ही पक्ष रोज एक नए जानकारी का खुलासा कर रहे है
इस कड़ी में विवाद अब सिर्फ धीरेन्द्र श्रीवास्तव vs संजीव सिन्हा/ रमण सिन्हा ना होकर कई भागो में बंट गया है , जिसमे ब्रजेश श्रीवास्तव , हरिओम श्रीवास्तव , डा अरविन्द श्रीवास्तव , दीपक श्रीवास्तव जैसे कई नाम नाम अब मुखर हो गए हैं I यहाँ तक की इस पुरे प्रकरण में कहीं नहीं रहे MBB सिन्हा भी ऐसे समय में संजीव सिन्हा से अपनी पुरानी अदावत के चलते चुटकी लेने से नहीं चुके
MBB सिन्हा ने लिखा 19 व्यक्ति का ट्रस्ट, और 20-25 व्यक्तियों के संगठन से बड़ा हर मोहल्ले की पूजा समितियां हैं.जो कम से कम समाजोन्मुखी सोद्देश्य कार्य करती है. इनका क्या? बाल-बच्चे, स्त्री-पुरुष पांच-सात परिवार के इकट्ठे पिकनिक कर लेंगे और नाम देंगे राष्ट्रीय बैठक का. और लगेंगे निर्देश जारी करने. जैसे टिटहरी पैर निचे कर लेगा तो आसमान गिर पड़ेगा.
इस पर संजीव सिन्हा ने उन्हें कहा सेवानिवृत्त होने के बाद लोग सेवा करने की जगह टाइम पास क्यो करते हैं, ये समझ से बाहर है।
तो MBB सिन्हा ने भी पलट कर कहा उम्र कम होने से समझ के बाहर ही रहेगी बहुत सी बातें. समय आने पर आप भी................ सेवा निवृत शब्द सरकारी कर्मचारियों के लिए आरक्षित है. हम तो अनारक्षित हैं.
अब ऐसे में बड़ा सवाल ये उत्पन्न हो गया है की सार्वजानिक सिर फुत्टोवल का केंद्र बने इस विवाद में पंकज भैया क्या कर पायेंगे ये आज शाम ५ बजे तक ही पता चल पायेगा I खुद पंकज भैया भी कायस्थ खबर से बातचीत में स्वीकार कर रहे है की समझोते की गुंजाइश कम है और शाम तक ज़रूरी नहीं की सब सुलझ ही जाए I