कायस्थ नहीं, अन्य पिछड़ी जाती से है पीड़ित परिवार , नाम के आगे श्रीवास्तव लिखने से लोग हुए गुमराह , कायस्थों में असली कायस्थ की पहचान बनी बड़ा मुद्दा
अक्सर पिछड़ी जाती के कई लोग अपने नाम के आगे कायस्थ उपनाम जैसे सक्सेना , श्रीवास्तव या वर्मा लगा लेते है I जिसके कारण लोगो को आपसी रिश्ते करने में भी कई बार धोखा हो जाता है I ऐसा ही कुछ भ्रम कल आत्म हत्या करने वाली बच्ची के परिवार के मामले में भी हुआ I सूत्रों की माने तो ओबीसी समाज से सम्बंधित इस परिवार ने कायस्थ समाज के प्रतिश्थित उपनाम श्रीवास्तव का किया हुआ था I जिसके चलते सभी लोगो में ये अवधारण थी की ये कायस्थ है I
हालांकि जिस प्रकार की घटना हुई और उस कायस्थ समाज के नेताओ ने जिस तरह से एक जुट होकर उस परिवार को न्याय दिलाने की पहल की वो काबिले तारीफ़ है इअको अतुल सक्सेना और विधायक डा अरुण कुमार कायस्थ खबर के द्वारा संज्ञान में लाने के बाद फ़ौरन पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे I और जल्द से जल्द अपराधियों को पकडवाने की मांग की I
इलाहबाद के प्रसिद कायस्थ चिन्तक धीरेन्द्र श्रीवास्तव कायस्थ समाज के उपनामों का प्रयोग ओबीसी जाती के लोगो द्वारा लगाने को एक बड़ी समस्या मानते है , धीरेन्द्र कहेते है की इससे जहाँ कायस्थ समाज को लोग इनके चलते दलितोंसे जोड़ कर देखने लगते है वही शादी जैसे संवेदनशील मामलो में परिवार के लिए एक बड़ा मुद्दा रहता है
शायद यही वजह है की कायस्थ समाज आज भी अपने आस पास के क्षेत्रो से और उसी उपनामों में शादी करने को प्राथमिकता देते है I जिसके चलते लड़के या लड़की के लिए उपयुक्त जीवनसाथी तलाश कर पाना और भी मुश्किल होता है I
आज के बदलते दौर में कायस्थ समाज को अपनी पहचान को सुरक्षित रखने और ऐसी चुनातियो से बचने के लिए एक अलग मुहीम चालानी होगी जिससे ऐसी परिस्थियों से भी बचा जा सके