भगवान श्री चित्रगुप्त के अपमान को लेकर अक्सर विवाद करने वाले वाहिनी प्रमुख के महासम्मेलन में साईं के भजनों का बजना : आखिर क्या सन्देश देना चाहते है वाहिनी प्रमुख समाज को ? – ललित सक्सेना
आखिर क्या सन्देश देना चाहते है वाहिनी प्रमुख समाज को भगवान श्री चित्रगुप्त के अपमान को लेकर अक्सर विवाद करने वाले वाहिनी प्रमुख के महासम्मेलन में साईं के भजनों का बजना और कायस्थ समाज के लोगो का चुप रहना आखिर क्या हो गया समाज के उन कद्दावर युवाओ को आखिर वाहिनी का मतलब है सेना और कायस्थ वाहिनी हुई कायस्थ समाज की सेना आज कायस्थ समाज की सेना के महासम्मेलन में भगवान चित्रगुप्त के भजनों को इग्नोर कर साईं के भजनों को जोर शोर से बजाना और वाहिनी प्रमुख का शांत बैठना बहुत ही घोर और शर्मनाक बात है
क्या वाहिनी प्रमुख जिनके द्वारा समाज दशा और दिशा में युवाओ को एक संघटित करने का प्रण था भगवान चित्रगुप्त के वंशजो को एक करने का संकल्प था उसी वाहिनी के कार्यक्रम में साईं की जयकार लगना हमारे समाज को विघटित करना है में उम्मीद करता हु वाहिनी प्रमुख से उन्हें समाज से माफ़ी मांगनी चाहिए और भविष्य मे कायस्थ समाज के कार्यक्रमों में सिर्फ चित्रगुप्त भगवान के ही भजन और जयकार होनी चाहिए इस तरह के भजनो खुद नही गिरते फूल झोली में शाख को हिलाना होगा अगर अब हुई गलती तो बहिस्कार भी जरुरी होगा
ललित सक्सेना
जयपुर भारत राष्टीय कार्यकारिणी सदस्य ABKM भारत
प्रदेश संयोजक S.C.B.H.S.S राजस्थान
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