सच बर्दाश्त ना कर पाने के कारण विश्विमोहन गुट के मुकेश श्रीवास्तव ने सबको वहाट्स अप्प ग्रुप से बाहर निकाला , ग्रुप क्रेअटर को भी नहीं बक्शा . लोगो ने अवैध कब्जे की पुरानी आदत बताई
अखिल भारतीय कायस्थ महासभा पारिया गुट के विश्व विमोहन कुलश्रेष्ठ और मुकेश श्रीवास्तव की जोड़ी किस कदर आतममुग्थ्ता और हताशा की शिकार हो रही है इसका ताजा तरीन उदाहरण कल देखने को मिला I प्राप्त जानकारी के मुताबिक़ इलाहबाद के दीपक श्रीवास्तव ने यूपी चुनाव को लेकर एक ग्रुप हमारी कायस्थ पार्टी बनाया I जिसमे उन्होंने समाज के सभी सक्रिय सदस्य शामिल किये
इस ग्रुप में उन्होंने सबको बराबर अधिकार देते हुए एडमिन भी बनाया I लेकिन पारिया गुट के सबसे अविश्वनीय विश्विमोहन कुल्श्रेस्त्थ और मुकेश श्रीवास्तव ग्रुप में चल रही चर्चा में भाग तो नहीं ले सके पर पारिया गुट के उपर उठते सवालों और उनके जबाबो को ना दे पाने की हताशा में उन्होंने अपने मिले अधिकार का दुर्य्प्योग करते हुए पारिया गुट को छोड़ सबको हटा दिया
मुकेश इतने पर ही नहीं रुके वो अपने हताशा और क्रोध में ग्रुप को बनाने वाले को भी निकालने से नहीं चुके I कायस्थ खबर ने जब इस बारे में लोगो से बात की तो लोगो मुकेश और विश्विमोहन की इन हरकतों को नया नहीं बताया I उन्होंने हँसते हुए कहा की ये जोड़ी का यही इतिहास रहा है , ये पहले भी यही करते रहे है और अब व्हाट्स गुर्पो में भी यही कर रहे है I इसीलिए समाज में कोई इन्हें महत्त्व नहीं देता है अब देखना ये भी है की ग्रुप क्रेअटर इसके बाद विश्व विमोहन और मुकेश कुलश्रेष्ठ की जोड़ी को किस तरह से कायस्थ समाज में देखेंगे
व्हाट्स अप्प ग्रुप में अवैध कब्जे को लेकर ऐसी हरकतों में हम तो पारिया गुट की इस जोड़ी को यही सलाह देंगे की लोगो और समाज से भागने या सबको निकालने की जगह अपने कर्मो को ठीक करे I नहीं तो समाज ऐसे लोगो को भुलाने में भी देर नहीं लगाएगा I
वैसे भी पारिया गुट के दोनों वीर पिछले दिनों एक के बाद इतने आरोपों में घिरे हैं लेकिन किसी पर भी कोई एक्शन नहीं ले रहे है I चाहे वो गेस्ट आफ आनर विवाद में आरोपी पति पत्नी का इस्तीफ़ा लेने का मुद्दा रहा हो I या फिर ताजा मामले में ५०००० रूपए की घोषणा के नाम पर चंदा लेकर गरीब परिवार तक ना पहुचाने का मामला हो
बाड़मेर से विवेक श्रीवास्तव का कहना है की अगर विश्व विमोहन कुलश्रेष्ठ और मुकेश श्रीवास्तव अपने गुट का आडिट पेश कर दें तो पता चल जाएगा की चंदे के नाम पर जमा लाखो रूपए कहाँ गए I वहीं फैजाबाद ८ महीने से ५०००० रूपए के इंतज़ार में बैठा परिवार आज भी इनके चलते उम्मीद लगाए बैठा है