
वो एक बेटी थी , एक बीवी थी एक बहिन थी ? मगर हम उसे सुरक्षा ना दे सके
वो एक बेटी थी , एक बीवी थी एक बहिन थी ? मगर हम उसे सुरक्षा ना दे सके .....नाम : सपना श्रीवास्तव
दिनाक : ५ मार्च २०१५सपना श्रीवास्तव अपने घर दातिया (मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के लिए अपने माता पिता के साथ निकली I उन्हें भोपाल अपने ससुराल जाना था , वो उत्साहित थी और उन्होंने अपने माता पिता को विश्वाश दिलाया की वो फिर उनसे मिलने आयेंगी और जब अपने घर पहुँच जायेंगी तो उन्हें बताएँगे I
उनका रिजर्वेशन AC कोच (जिसे हम सबसे सेफ मानते है ) मैं था I ट्रेन अगले ६ घंटे मैं भोपाल पहुंचनी थी जहाँ उनके पति ने उन्हें लेने आना था I समय बीत रहा था इसी बीच उनके फ़ोन का नेत्वोर्क काम करना बंद कर चूका थाभोपाल मैं जब उनके पति उन्हें लेने के लिए भोपाल स्टेशन पर पहुंचे तो उनकी सीट पर उनका सामान तो था मगर सपना नहीं थी I बाद मैं विदिशा के पास एक बुरी तरह झाख्मी लाश के मिलने की खबर आयी जो सच मैं सपना श्रीवास्तव की ही थीउनको चलती ट्रेन से उस सुखी नदी मैं फेक दिया गया था I अनगिनत फ्राक्चर्स थे शरीर मैं , उनकी सोम्य्पूर्ण हंसी अब खून से लथपथ चेहरे के तोर पर थी Iक्या एक AC कोच मैं मैं एक लड़की आज भी भारत मैं सुरक्षित नहीं , कोई नहीं जानता उसके साथ क्या हुआ , किसने किया ? ये एक लड़की के मरने की कहानी है उसके सपनो के मरने की , उसके परिवार के टूटने की और उनकी आशाओं के टूटने की , वो हमेशा तापर थी अपने शिक्षा मैं लेकिन मौत की अबूझ पहेली ने तोड़ दिया उन सपनो को उन ज़िन्डियो को जो उससे जुडी थीइतने दिन बाद भी पुलिस ये पता लगाने मैं सक्षम नहीं है की उस रात उसके साथ क्या हुआ ? क्या ये एक और निर्भया केस था या कुछ और ? उसका परिवार आज न्याय के लिए भटक रहे है इस उम्मीद मैं की शायद कुछ पता चल जाएखबर सोशल मीडिया मैं आयी खबरों पर आधरित है , कुछ तथ्य छिपे हो सकते है आप नीचे दिए लिंक से इसे जांच सकते है
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