कायस्थ खबर चुनावी चर्चा : बदल रहे है इलाहबाद उत्तरी के समीकरन, सपा से के. के. श्रीवास्तव तो निर्दलीय अभिनव श्रीवास्तव भी है मैदान में
कायस्थ खबर ब्यूरो I इलाहाबाद उत्तरी कायस्थ समाज के लिए अचानक से ही बहुत महत्वपूर्ण हो गयी है I कायस्थ खबर ने पिछले दिनों आपको खबर दी थी की बसपा ने एक नए चेहरे अमित श्रीवास्तव को टिकट देने की घोषणा की थी I तब तक इलाहबाद उत्तरी से और कोई दावे दार नहीं सामने आया था ऐसे में अमित श्रीवास्तव एक नयी उम्मीद बन रहे थे I
लेकिन टिकट बटवारे के बाद बसपा की लोकल टीम ने बसपा में अमित श्रीवास्तव का लोकल जातीय राजनीती में कोई प्रभाव ना होना बताया जिसके बाद अमित श्रीवास्तव के जीतने की संभावनाओं पर सवाल खड़े हो गए है I वहीं कायस्थ राजनीती के पुराने खिलाड़ी के के श्रीवास्तव भी समाज वादी पार्टी से अपना दम ख़म ठोक रहे है I गत रविवार दाल बाटी के बहाने के के श्रीवास्तव ने कायस्थ समाज से जुडाव का जो कार्यक्रम शुरू किया है उससे भी उनके पक्ष में मोहोल दिख रहा है
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सूत्रों की माने तो अगर के के श्रीवास्तव को समाज वादी पार्टी से टिकट मिलता है तो उनका जीतना तय माना जा रहा है क्योंकि कायस्थ पाठशाला और अखिल भारतीय कायस्थ महासभा , कायस्थ वृन्द , और लोकल कायस्थ संगठनो के तमाम कद्दावर लोग उनके साथ साथ खड़े दीखते है I के के श्रीवास्तव का राजनैतिक अनुभव भी अमित के मुकाबले ज्यदा भारी है I अमित श्रीवास्तव का लोकल कायस्थों के बीच ना जुड़ा होना भी उनको कमज़ोर करता है
लेकिन सिर्फ के के श्रीवास्तव ही अमित के लिए एक प्रतिद्वंदी हो ऐसा नहीं नहीं , इलाहबाद से ही अभिनव श्रीवास्तव निर्दलीय लड़ने के लिए तैयार हो रहे है जिनका मूल मुद्दा ही आरक्षण विरोध है I हालांकि अश्वनी ने कायस्थ खबर से बात चीत में बाते कि अगर कोई पार्टी आरक्षण के विरोध में अपना समर्थन देगा तो वो पीछे हट जायेंगे, ऐसे में बसपा जैसी पार्टी में कौन कायस्थ अमित श्रीवास्तव के लिए वोट करेगा ये बड़ा सवाल है I
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हालांकि नोट्बंदी के बाद से बसपा और मायावती के समक्ष आई मुश्किलों की खबरों ने अमित श्रीवास्तव को भी परेशान किया ही होगा I चुनावी दौर में जिस तरह से मायावती ने नोट्बंदी का विरोध किया वो भी बसपा के लिए मुश्किल ही कड़ी करेगा I वोटो के तोर पर इलाहबाद उत्तरी में ८० हजार वोटो पर हार जीत तय होगी I ऐसे में ५०००० से ज्यदा कायस्थ वोटो वाले इस क्षेत्र में कायस्थ वोट किसी भी प्रत्याशी का गणित बिगाड़ने में महत्वपूर्ण हो जाते है अब आने वाले दिनों में ये वोट किस प्रत्याशी की तकदीर का फैसला करेंगे ये देखना बाकी है