मिसाल : फरिश्ता बनकर पहुंचे मुकेश श्रीवास्तव , बने बेसहारा बच्ची का सहारा
कायस्थ खबर ब्यूरो I कहते है भगवान् चित्रगुप्त सबके भाग्य विधाता है और जब बेसहारे की सहारे की बात आये तो वो किस रूप में मदद करने वाले को भेज दे I ऐसा ही कुछ हुआ लखीमपुर खीरी में एक बेसहारा बच्ची के साथ I इस बच्ची के बारे में मुकेश श्रीवास्तव को उनके मित्र चित्रांश समाज कल्याण परिषद के पदाधिकारी दिलीप श्रीवास्तव ने बताया कि अस्पताल में भर्ती को सही इलाज नहीं मिल रहा है। न ही बच्ची को सही खाना दिया जा रहा है। बच्ची के पास कपड़े भी नहीं हैं।
ऐसे में मुकेश श्रीवास्तव अपने साथी समाजसेवी कपिल श्रीवास्तव के साथ 12 अपै्रल की दोपहर कुछ जरूरी सामानों के साथ अस्पताल पहुंचे जहां उन्हें बच्ची को सही इलाज मिले इसके लिए डाक्टरों से बात की और लाया गया सामान बच्ची की देख-भाल कर रहे एनजीओ के कर्मचारी को दिया। करीब पांच दिन तक मुकेश नि:स्वार्थ भाव से बच्ची की सेवा में लगे हैं। वह हर संभव प्रयास कर रहे हैं कि बच्ची सकुशल अपने मां-बाप तक पहुंच जाए।
कौन है ये बच्ची ?
आपको बता दें कि मैलानी रेलवे स्टेशन पर 11 तारीख की शाम करीब सात बजे ट्रेन की एक बोगी में एक लावारिस बच्ची के होने की सूचना गार्ड को मिली। जिसके बाद गार्ड जीआरपी मैलानी को बुलाकर बच्ची को उनके हवाले कर देता है। बच्ची की हालत बेहद नाजुक थी। बच्ची कुपोषण का शिकार थी और बेसुध हालत में थी। ऐसे में उसे तत्काल इलाज की आवश्यकता था। बिना देरी किए चौकी जीआरपी प्रभारी मैलानी ने पलिया में काम कर रहे चाइल्ड लाइन एनजीओ को सूचना दी।
बच्ची को उनके हवाले किया। बच्ची को स्थानीय अस्पताल में ले जाया गया। बच्ची की हालत नाजुक थी तो उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजा गया। बच्ची को पहले इमरजेंसी में रखा गया। हालत में सुधार के बाद चार दिन बाद कुपोषण वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। हालांकि इन तीन दिनों में बच्ची की हालत में कुछ खास सुधार नहीं हुआ है।