अगर तुष्टिकरण उनका हो रहा है तो एकीकरण हमारा भी होना चाहिए अतः सोनू भाई आप को यकीन दिलाता हूँ सम्पूर्ण कायस्थ समाज के युवाओं की तरफ से.... आप खामोश मत होना... पूरा समाज आपके साथ है। आईये साथियों ,अपने फेसबुक और व्हात्सप्प की डीपी बदलते हैं। एक दूसरे की आवाज में आवाज मिलाते हैं कि.... We support sonu bhaayi... (सोनू को सपोर्ट करती हुई डीपी बनवाने के लिए 99198939312 पर अपनी फोटो wss लिखकर भेजें) -कवि स्वप्निल भड़ास में छपे विचार लेखक के अपने है कायस्थ खबर उनकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेता हैकबीर का साथ तो हम दे ना सके पर सोनू भाई आज मै आपकी आवाज में आवाज मिलाता हूँ। कायस्थ समाज के युवाओं के साथ आज मैं आपकी आवाज में आवाज मिलाता हूँ। हमे गर्व है कि आज इस मजहबी तुष्टिकरण के विरोध में एक कायस्थ ने अपनी आवाज बुलंद की है। हमे गर्व है कि एक सम्मानित कायस्थ ने डंके की चोट पर अपनी बात कही है।
सोनू निगम को कायस्थयुवान के राष्ट्रीय संयोजक कवि स्वप्निल का समर्थन करता हुआ खुला पत्र
आत्मीय सोनू भाई,
मै ये नही कहता की आपने ये क्या कह दिया, ये भी नही पूछूँगा की क्यों कह दिया पर इतना जरूर कहना चाहता हूँ की कहाँ कह दिया?
एक ऐसे देश में जहाँ सियासत भी मजहबी कट्टरता में निवास करने लगी है, और इस कट्टरता का दमन करने की बजाय जहाँ की सियासत मजहबी तुष्टिकरण में लगी है।
क्या आप को भय नही लगा?
क्या आप काँपे नही?
आज कल क्या खुदा के उन पाक बन्दों से भी डर नही लगा जो खुद को खुदा के पैगामों का रक्षक मान बैठे हैं।
सोनू भाई जब इन बहरे लोगों पर कबीरवाणी का असर नही हुआ तो आपने ये उम्मीद क्यो पाल ली की आपको सुरीली आवाज का असर होगा।
कबीर ने भी तो कहा ही था कि -
"कंकड़ पत्थर जोड़ के मस्जिद लियो बनाए।
ता चढ़ मुल्ला बाग़ दे,का बहरा हुआ खुदाय।।"