कायस्थ नेता मुकाम पर पहुँच कर खुद को जातिवादी बताने से बचते है तो हम कार्यकर्ता उनके लिए खुदको जातिवादी क्यो बनाए – आदित्य श्रीवास्तव
बहुत से मित्रो ने व्यक्तिगत मैसेज करके व काॅल करके यह कहा की नितिश जी ने एक भी कायस्थ नेता को मंत्री नही बनाया जबकी जातिगत आकडो के हिस्साब से सभी जाती के मंत्री बनाए गये है। मै भी सहमत हुँ की 100% कायस्थ वोट भाजपा को जाता है फिर भी पार्टी ने एक भी कायस्थ को मंत्री नही बनाया है लेकिन मेरे हिसाब से अगर किसी कायस्थ नेता को मंत्रालय नही मिला है तो उसके जिम्मेदार कही ना चही वो खुद ही है। जितने भी लोग मंत्रालय के दावेदार थे उनमे से कितने कायस्थ जाति के लोगो के नेता है या कितने है जो कायस्थ कार्यकर्ताओ को पुछते है जबाब है कोई नही तो फिर हम इनके लिए आवाज क्यो उठाये जब ये हमे ही नही पुछते है। पहले तो राजनिति मे जातिवाद पुरी तरह खत्म होना चाहीए और यदि नही भी होता है तब भी हम कायस्थ कार्यकर्ता किसी भी ऐसे कायस्थ नेता के सपोर्ट मे अंध भक्त बनकर नही जायेंगे यदि यह कायस्थ नेता ऐसे मुकाम पर पहुँच कर भि खुद को जातिवादी बताने से बचते है तो हम कार्यकर्ता उनके लिए खुदको जातिवादी क्यो बनाए।
हमारे लिए एक ही सर्वमान्य कायस्थ नेता है माननीय RK Sinha जी अगर जरूरत पडी तो हम उनके लिए लडेंगे क्योकि वह हमेशा समाज के लिए खडे रहते है ना कि कोई और।।
आदित्य श्रीवास्तव
जो भी कायस्थ समाज के सांसद, केंद्रीय मंत्री, विधायक, विधान पार्षद हैं इनमे इतनी क्षमता नही की यह अपने हक़ को ले सके तो समाज को ही इनका बहिष्कार करने होगा और ऐसे व्यक्ति को समाज की कमान ओर नेतृत्व देना होगा जो समाज को लेकर चल सके और समाज का प्रतिनिधित्व करते हुए उनके हक की लड़ाई को लड़ सके अभी के समय में सारे कमजोर और कायस्थ समाज को कमजोर करने वाले सत्ता से लेकर संगठन तक का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इनसब में वह बात नही रही जो स्व. नवीन किशोर प्रसाद सिन्हा जी में थी वह समाज का प्रतिनिधित्व भी करते थे और कायस्थजन की हक़ की लड़ाई भी लड़ते थे यह सबलोग उनके भी बलिदान और उनके विचार को नही बढ़ा पाए।