दिल्ली कायस्थों से खाली है, तभी दिल्ली सरकार ने भगवान चित्रगुप्त से दुरी बना ली है
कायस्थ खबर डेस्क I देश के राज्यों से भगवान् चित्रगुप्त और कलम दवात पूजन के त्यौहार को मनाने के समाचार आ रहे है लेकिन देश का दिल कहे जाने वाले राजधानी दिल्ली में इसको लेकर कोई हलचल नहीं I इतना सूनापण की दिल्ली के मुख्यमंत्री तक को ये नहीं पता की भगवान् चित्रगुप्त कौन है कलम दावत पूजा क्या है ?
दिल्ली के मुख्य मंत्री वाल्मीकि जयंती , अग्रसेन जयंती की शुभकामना देते है लेकिन कलम दवात पूजन की शुभकामना देना भूल जाते है तो क्या इसमें सारा दोष मुख्यमंत्री का है ? हाँ इसमें दोष मुख्य मंत्री का है की कैसे उसे अपन राज्य के १०% आबादी के सबसे महत्त्वपूर्ण त्यौहार का पता नहीं लेकिन उससे भी बड़ा दोष कायस्थ समाज के नेताओं का भी है I
जी हाँ दिल्ली कायस्थ वीरो यानी नेताओं से खाली है I एक समय था जब दिल्ली में कायस्थ नेता सत्ता के आधार दीखते है , सभी बड़ी कायस्थ संस्थाए दिल्ली से संचालित होती थी , लेकिन वक्त के साथ वो सब दिल्ली छोड़ विदेशो में बस गये और जो कायस्थ आज यहाँ है वो यान तो सक्षम नहीं या फिर यूपी बिहार से आये हुए है और ऐसे में सोशल मीडिया पर वर्चस्व की लड़ाई में तो यहाँ खूब लड़ाई है लेकिन ज़मीनी आधार शून्य है I
दिल्ली के कायस्थों ने खुद भगवान् चित्रगुप्त पूजा पर ऐसा कोई बड़ा कार्यक्रम नहीं किया जिससे केजरीवाल जैसे जातिवादी और मुसलमान परस्त नेताओं पर कोई दबाब दिखे की उसके सबसे महत्त्व पूर्ण वोटरों का कोई त्यौहार भी आ रहा है I और केजरीवाल ही क्यूँ दिल्ली भाजपा में बैठे कायस्थ नेताओं ने भी कलम दवात पूजन को लेकर कोई बड़ा कार्यक्रम करने की जहमत नहीं उठाई I यही नेता २ दिन बाद आने वाले छट के लिए फोटो खिचाते दिह्काई देंगे लेकिन अपने सबसे बड़े त्यौहार पर ऐसी उदासीनता ने दिल्ली में कायस्थ नेताओं की असलियत बता दी I
कायस्थ नेता चाहे आम आदमी पार्टी में हो या भाजपा में दोनों ही पार्टी के नेतृत्व की तानशाही में पार्टी कैडर बेबस दिखाई दिए है I हालत इतने बदतर है की आम आदमी पार्टी में महत्वपूर्ण पदों पर रहने वाले कई कायस्थ अपने अपने जुगाड़ में तो लगे लेकिन राजनैतिक बिसाब पर अपनी बाज़ी हार गये I
कायस्थ नेताओं के लिए ये समझना महत्वपूर्ण होगा केजरीवाल हो या मोदी वो आपको महत्व तभी देंगे जब आप अपने समाज की ताकत इनको दिखाओगे , बिहार में कायस्थ ताकत दिखाते है इसलिए वहां मुख्यमंत्री नितीश कुमार ना सिर्फ सबसे पहले कलम दवात पूजा की बढ़िया दिए बल्कि ऐसे कई कार्यक्रमों में पहुंचे भी I
ऐसे दिल्ली के कायस्थ नेताओं आपस में लड़ना छोड़ो और अपनी पहचान इतनी बड़ी करो की दिल्ली का मंत्री , मुख्यमंत्री और प्रधान मंत्री सब आपके त्य्हार पर बधाई देने पर विवश हो