चौपाल चर्चा : लखनऊ में कायस्थ प्रत्याशियों की चुनाव प्रचार धीमा, क्या कर पायेंगे कायस्थों की समस्याओं का हल
कायस्थ खबर डेस्क I लखने में कहने को तो प्रमुख दलों में से किसी ने भी मेयर के लिए किसी भी कायस्थ को टिकट नहीं दिया है और ना ही कायस्थों की कहीं जाने वाली पार्टी के मुखिया की पार्टी की आवाज़ भी सुनाई दे रही है I हालांकि समाजवादी पार्टी में पार्षद के तोर पर मोहित श्रीवास्तव को ज़रुरु टिकट दे कर बैलेंस बनाने की कोशिश की है लेकिन १०० पार्षद की लिस्ट में इन दलों के १-२ लोगो को टिकट देना उंट के मुह में जीरा जैसे ही है I
लेकिन इन सब के बाद भी निराशाजनक बात ये है की अभी तक कायस्थ प्र्याशियो के प्रचार की धमक वैसी नहीं दिखाई दे रही है जैसे की दिखाई दे रही है Iनिकाय चुनावों में कायस्थों से वोट पाने की उम्मीद रखने वाले प्रत्याशी कायस्थों से कितना मिल पायेंगे अब ये देखना बाकी रह गया है I लखनऊ के कायस्थों की बड़ी शिकायत यही है की प्रत्याशी निकाय चुनावों में भी अगर उनको नहीं साध पा रहे है तो कैसे हम उम्मीद करे की वो बाद में उनकी बात भी सुनेगे
वही कायस्थ समाजसेवियों के हालत और भी मुश्किल है I कायस्थ समाजसेवियों के एक बड़े हिस्से ने लगभग बीजेपी के कदमो में समर्पण कर ही दिया है I बीजेपी के लिए समर्पण का ये हाल है की कल तक बड़े बड़े सम्मलेन के दावे करने वाले कायस्थ नेताओं ने बीजेपी के प्रत्याशी के लिए ही दिन रात एक कर दिए है I समाज के सवाल यही है की अगर हमारे नेता मेक पर भी अपनी रीड सीधी नहीं रख पा रहे है तो बाद में समाज की ज़रूरत के समय क्या करेंगे ये भगवान् चित्रगुप्त ही जान सकते है I
लखनऊ की स्थिति पर कायस्थों में एक ही बात कही जा रही है की मुस्कुराइए आप लखनऊ में है