हताशा में बदल गया शाम तक ABKM(KADOM)का राजनैतिक चिंतन, राष्ट्रीय महामंत्री के खिलाफ भी बन रहा है मोहोल
कायस्थ खबर डेस्क I अखिल भारतीय कायस्थ महासभा (KADOM गुट ) के राजनैतिक चिंतन बैठक शुरू तो बहुत जोर शोर से हुई लेकिन आपसी गुटबाजी का असर यहाँ भी साफ़ दिखा I मीटिंग में शामिल हुए लोगो की माने तो ABKM(KADOM) के गुटों के लोग आपस में ही बहस करने लगे और नौबत हाथापाई तक होने की आ ही गयी I
इधर कार्यक्रम में राजनैतिक चिंतनबैठक में मात्र ७०-80 लोगो को सामने देख कर राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुबोध कान्त सहाय और पूर्व विधायक प्रदीप माथुर बहुत नाराज भी हुए I सूत्रों की माने तो देश भर के लोगो के कार्यक्रम के नाम पर इसमें लखनऊ से ही बर्तमान 4 विधायको को बुलाया नहीं गया है I जिससे ये सारी कोशिश बस नाम मात्र की साबित हुई I हालत इस कदर खराब हैं कि इतने महत्वपूर्ण बैठक में राष्ट्रीय संगठन मंत्री गायब रहे , कई और वरिष्ठ और प्रभावशाली पदाधिकारी भी बहानो से कार्यक्रम में नहीं पहुंचे
आपसी गुटबाजी और महत्वाकांक्षाओ से हताश हुए महामंत्री विश्वविमोहन कुलश्रेष्ठ
पद पर बने रहने की महत्वाकांक्षा ABKM में कोई नई नहीं है पहले भी लोग १० -१० साल तक पदों पर चिपके रहे है और जब तक लोग उनके खिलाफ नहीं हो गए तब तक नहीं हटे है ऐसे में कायस्थ खबर को मिली जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय महामंत्री और उनकी लाबी को लेकर भी असंतोष बढता जा रहा है , लगातार बढ़ते दबाब और विरोध का आलम ये है की बीते 5 वर्षो में इसके महामंत्री विश्व विमोहन कुलश्रेष्ठ अपना पद तो बचाने में कामयाब हो गए है लेकिन अब लगातार गुटबाजी और विरोध से हताश हो चुके है I कायस्थ खबर अपने पाठको को बता दें की बीते 5 वर्षो में राष्ट्रीय अध्यक्ष भले ही ३ बदल गए हो लेकिन महामंत्री विश्व विमोहन कुलश्रेष्ठ ही रहे और तमाम सामजिक विरोध के बाबजूद भी प्रमुख पदों पर भी उन्ही के लाबी के लोग रहे I ऐसे में महासभा में विश्विमोहन कुलश्रेष्ठ और उनकी लाबी पर हटने का दबाब बहुत है लेकिन अब तक अड़े रहे,सूत्रों की माने कुलश्रेष्ठ कल की खबरों के अनुसार हताश हो चुके है और ABKM (KADOM) में बड़े बदलाव की खबरे जल्द आ सकती है और अगर ऐसा संभव नहीं हुआ तो जल्द ही इसके फिर से दो फाड़ भी हो सकते है I
इधार KADOM जैसे विवाद्स्पद सोच को भी ABKM के अंदर ही लोग नहीं पचा पा रहे है I सुबोध कान्त सहाय के कद को देखते हुए लोग विरोध तो नहीं कर पा रहे है लेकिन कायस्थ खबर को नाम ना छापने की शर्त पर इससे सहमत ना होने की बात कह रहे है I ख़ास तोर जिन सदस्यों का जुड़ाव बीजेपी जैसे दलों से है उनके लिए ये KADOM राजनैतिक आत्महत्या से ज्यदा कुछ नहीं है I इधर समाज में भी जिस तरह से KADOM का व्यापक विरोध हुआ है उससे भी ABKM(KADOM) सकते में हैं वही ABKM के रविनंदन सहाय गुट में इनको लेकर चुटकले बनाये जा रहे है I समाज में भी सुबोध कान्त सहाय की इस सोच को सराहा नहीं जा रहा है
बहराल ABKM(KADOM) की नयी गुटबाजी में कौन इस बार जीतेगा ये भविष्य ही बतायेंगा , क्या विश्वमोहन कुलश्रेष्ठ महामंत्री बने रहेंगे या फिर कोई नया चाणक्य ही अब ABKM को किनारे लगाएगा