कायस्थ पाठशाला में कुमार नारायण की सदस्यता समाप्ति को लेकर वर्तमान अध्यक्ष पर हमला तेज, अब धीरेन्द्र श्रीवास्तव ने उठाई कुमार की आवाज
कायस्थ खबर डेस्क I रविवार को चुनावी अधिकारी की नियुक्ति के साथ ही कायस्थ पाठशाला को लेकर हो रही राजनैतिक गुटबाजी तेज हो गयी है रोजाना ही कोई ना कोई नयी सम्भावना वर्तमान अध्यक्ष के लिएय चुनोती कड़ी कर रही है कल तक शांत बैठे कुमार नारायण के अचानक मुखर होकर अध्यक्ष के लिए दावा ठोकना अभी पूरा भी नहीं हुआ था की उसके बाद एक और कार्यकारणी सदस्य अधिवक्ता दिलीप श्रीवास्तव ने भी ताल ठोक दी थी I लें आज शाम आते आते धीरेन्द्र श्रीवास्तव ने जिस तरह कुमार के समर्थन में वर्तमान अध्यक्ष की कार्यशैली पर प्रशन लगाए है उससे इलाहाबाद में कायस्थ पाठशाला के चुनावी गणित में तूफ़ान आ गया है I धीरेन्द्र श्रीवास्तव के तीखे तेवर ना सिर्फ वर्तमान अध्यक्ष के लिए नुक्सान दायक दिख रहे है बल्कि डॉ विवेक श्रीवास्तव और डॉ सुशिल सिन्हा जैसे आधार हीन प्रत्याशियों के लिए भी समस्या बन रहे है, जानिये क्या कहा आज धीरेन्द्र श्रीवास्तव ने ..
कायस्थ पाठशाला का एक भूतपूर्व महामंत्री जो दो बार ट्रस्ट के अध्यक्ष का चुनाव लड़ चुका हो और एक बार इलाहाबाद के महापौर पद का ,को चुनावी वर्ष में ट्रस्ट के वर्तमान प्रबन्धन के द्वारा उनकी समाज में लोकप्रियता और अध्यक्ष पद पर पुनः चुनाव लड़ने की सम्भावना को देख कर सदस्यता समाप्त कर दी गयी है ?
वर्तमान प्रबन्धन के समर्थक इस मामले का पिछले कार्यकाल का मसला तो बताते है पर निम्न बातो का उनके पास कोई जवाब नही है कि यदि श्री कुमार नारायण की सदस्यता पिछले कार्यकाल में समाप्त हो गयी थी तब
(1)- पिछले अध्यक्ष पद के चुनाव सन 2013 में तत्कालीन अध्यक्ष श्री टी०पी०सिंह के पुनः चुनाव लड़ने पर श्री कुमार नारायण उनके प्रस्तावक एवम चुनाव अभिकर्ता कैसे बने रहे एवम अध्यक्ष सहित बीस कार्यकारिणी के सदस्यों को वोट कैसे दिया ?
(2)-श्री टी०पी०सिंह के पराजय के बाद गठित वर्तमान प्रबन्धन द्वारा आहूत अनेक प्रबन्ध कार्यकारिणी की बैठको में श्री कुमार नारायण ने कैसे सहभागिता की ?
(3)-वर्तमान प्रबन्धन द्वारा आहूत सामान्य सभा की अनेक बैठको में श्री कुमार नारायण कैसे सहभागी बने रहे ?
इसका सीधा आशय ये लगाया जा सकता है कि जब तक आपको खतरा न हो तो न्यासी न्यास का न्यासी है।जब खतरा लगे कि प्रतिद्वन्दी मजबूत है तब न्यासी न्यास से बाहर!!
चेहरे तो कई आये है अध्यक्ष पद हेतु पता नही कितने की सदस्यता बची होगी ?