प्रयागराज में जब कायस्थ पाठशाला के अध्यक्ष डॉ सुशील सिन्हाके विरोध में विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव की डेट का इंतजार कर रहा था तब 22 सितंबर को डॉक्टर सुशील सिन्हा देहरादून का समाज से आने वाले एक पूर्व सांसद के 74 वे जन्म दिवस पर हुए एक कार्यक्रम में पहुंच गए । वहां उन्होंने कायस्थ पाठशाला के बारे में बताते हुए ...
Read More »चौपाल
बेलाग लपेट : कायस्थ पाठशाला अध्यक्ष, बाबा भारती और डाकू खड़ग सिंह की कथा से सबक लें, नहीं तो कोई भी आगे से चुनाव में किसी को समर्थन नहीं करेगा
आशु भटनागर ।कायस्थ पाठशाला में इन दिनों वरिष्ठ उपाध्यक्ष की सीट का सपना देखने वाले या फिर उस पर बनने वालों को लेकर कई तरीके की बातें कही जा रही कहा जा रहा है कि इस पद पर डॉ सुशील सिन्हा ने जिसको भी बिठाया है उसको अपमानित और किनारे करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है । वरिष्ठ उपाध्यक्ष ...
Read More »कायस्थ पाठशाला में कितने पावर सेंटर, अध्यक्ष डा सुशील सिन्हा की बेबसी ने 1977 की जनता सरकार की याद दिला दी है : आशु भटनागर
आशु भटनागर I कायस्थ पाठशाला के चुनाव परिणाम को आए चार मास बीत चुके हैं किंतु इसके नवनिर्वाचित अध्यक्ष डॉ सुशील सिन्हा अभी तक अपने गठबंधन के साथियों के बीच समन्वय बनाने में असफल साबित हो रहे हैं । वर्तमान हालात में डॉक्टर सुशील सिन्हा अपने गठबंधन के प्रमुख चेहरों टीपी सिंह, केपी श्रीवास्तव कुमार नारायण और श्रीमती रतन श्रीवास्तव ...
Read More »के.पी.ट्रस्ट ईलेक्शन मे जिताने के लिये न्यासधारी वोटर की धन्यवाद सभा का अयोजन हो – रतन खरे
एशिया का सबसे बडा Cheritable Educational Trust अर्थात कायस्थ पाठशाला ट्रस्ट के पवित्र पावन 150 वर्ष हो गये है इसके न्यासधारियो की शख्या 32000 बताई जाती है जबकि न्यासधारियो की वोटर लिस्ट से हर ईलेक्शन मे वोटरलिस्ट अपडेट करने की बात की जाती है। कितने वोटर कोविड मे मर गये और पिछले 150 वर्षो मे न जाने कितने न्यासधारियो ने ...
Read More »केपी ट्रस्ट चुनाव में प्रतापगढ़ से कायस्थों के मन की बात : ट्रस्ट की जमीन पर बनी मस्जिद से नाराज है कायस्थ समाज
अतुल श्रीवास्तव । केपी ट्रस्ट के वोटर की मन की बात में हम लोग विभिन्न जनपद के न्यासियों से बात चीत करते है, उसी क्रम में हमने प्रतापगढ़ के न्यासियों से बातचीत की। प्रतापगढ़ में पिछले चुनाव में लगभग 800वोटर थे। कुछ न्यासियों का कोरोना महामारी में निधन हो गया । इसके साथ ही इस बार वहा से कुछ नए ...
Read More »के पी ट्रस्ट के वोटर्स की मन की बात: चंद लोगो के अलावा किसी को इसमें रुचि नहीं, सब पैसे लूट रहे कोई सेवा नही करता, डिजिटल इंडिया के दौर में केपी ट्रस्ट पिछड़े गांव जैसा
अतुल श्रीवास्तव । जैसा की हमने कहा था जल्द ही हम लेकर आ रहे है कायस्थ पाठशाला ( के पी ट्रस्ट ) के वोटर की मन की बात को तो आज हम आपके सम्मुख प्रस्तुत कर रहे है विभिन्न जनपदों से जुड़े हुए न्यासी क्या चाहते है ट्रस्ट से और क्या अपेक्षा रखते है. और के पी ट्रस्ट के विषय ...
Read More »कायस्थों की वर्तमान स्थिति केवल भूमिहीनता की नहीं, बुद्धिहीनता और अदूरदर्शिता की भी परिचायक है
राजकिशोर सिन्हा। आयु तो मेरी आध्यात्मिकता, ईश्वरलीनता और पारलौकिकता वाली है लेकिन इस लोक में जब तक रहना है, तब तक लौकिकता की चर्चा और चिन्ता भी करनी पड़ेगी। कायस्थों पास आज भूमिहीनतावाली स्थिति है, लेकिन ऐसी स्थिति पहले नहीं थी। यह वर्तमान स्थिति केवल भूमिहीनता की नहीं, बुद्धिहीनता और अदूरदर्शिता की भी परिचायक है। पीने-खाने, भोग-विलास और सुख-भोग की ...
Read More »जो कायस्थों की भागीदारी देगा
वही राजनीति में आगे बढ़ेगा : मनोज सक्सेना
किस पार्टी को सबसे ज्यादा कायस्थ समाज ने सम्मान दिया अपना वोट अपना सपोर्ट किया आज वही पार्टी कायस्थ समाज को किनारे कर रही हैं भारतीय जनता पार्टी प्रधान से लेकर सांसद के चुनाव में कायस्थ समाज का 90% वोट प्राप्त करती है लेकिन जब उसको देने का वक्त आता है वह अन्य जाति को देती है लेकिन हमारा समाज ...
Read More »कायस्थों को शुद्र कहिए या एस सी एस टी में डाल दीजिए फर्क नही पड़ता पर सोचिए कि कहीं आने वाली पीढ़ी अम्बेडकरवाद की राह ना पकड़ ले : परख सक्सेना
कायस्थों को शुद्र कहिए या एस सी एस टी में डाल दीजिए फर्क नही पड़ता मगर डर इस बात से लगता है कि आने वाली पीढ़ी अम्बेडकरवाद की राह ना पकड़ ले। उत्तरप्रदेश में कायस्थ समाज को ओबीसी में रखने का बीजेपी का प्रस्ताव निंदनीय है और उत्तरप्रदेश के कायस्थों को बीजेपी का विरोध करना चाहिए साथ ही उसे आश्वासन ...
Read More »आरक्षण लेने से पहले यह सोचे कि जब EWS है तो OBC कि बात ही क्यों आईं? : विस्वास आनंद श्रीवास्तव
कायस्थ जाति को आरक्षण लेने से पहले यह कुछ बातें दिमाग़ में रख लेनी चाहिए।सबसे पहले की कायस्थ अपना राजनीतिक नेतृत्व भूल जाएं।दूसरा यह आरक्षण देने वाले ब्राह्मण समाज, क्षत्रिय समाज और वैश्य समाज वह काम कर जाएगी जो इतने सालों में अंग्रेज-मुग़ल नहीं कर पाए और ना ही इन मनु स्मृति माननेवाले ब्रह्मण, ब्रह्मणों के समतुल्य एक ही जाति ...
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