अनिल कुमार श्रीवास्तव । जातीयता की बेड़ी में जकड़े उत्तर प्रदेश के चुनाव बेशक अभी थोड़े दूर हों लेकिन राजनीतिक दलों द्वारा जातियों को साधने की आजमाइश के साथ चुनावी आगाज हो गया है।भीषण गर्मी में बारिश के साथ बढ़ी बेतहाशा उमस भरी गर्मी में ब्राह्मणों को रिझाने के साथ चुनावी रंग घुल गया। जहां एक तरफ बसपा, भाजपा, सपा, ...
Read More »कायस्थ बोलता है
सत्य घटना पर आधारित इस घटना को सभी कायस्थ अधिकारी, समाजसेवी और व्यापारी ज़रूर पढ़े
सत्य घटना पर आधारित । कायस्थ समाज के सभी सरकारी अधिकारी व कर्मचारी जो सरकारी नौकरी पर है, अवश्य पढ़ें क्योंकि आप भी बाद में पश्चाताप ही कर सकते हैं और कुछ नहीं कर पायेंगे। मेरे एक प्रिय मित्र ने मुझे एक सत्य घटना बताई सुन कर लगा कि बात बहुत गम्भीर है आप सब तक जरुर जानी चाहिये। आप ...
Read More »कायस्थ बोलता है : हमारे समाज में मदद शब्द क्या मायने है – संजय श्रीवास्तव नाटी
एक कहावत है की नेकी कर दरिया में डाल यह बात सही है और समाज सेवा में यह होना भी चाहिए की आप किसी की मदद करे और भूल जाये क्योकि गुणगान करने से आपकी द्वारा की मदद का कोई मूल्य नहीं रह जाता है! वैसे ही आप मदद करते है तो अपने कुलपिता के पास दर्ज हो जाता है ...
Read More »कपिल शर्मा के विरोध के पाखण्ड का सच : कायस्थ समाज का विरोध प्रदर्शन फेसबुक से शुरू होकर व्हाट्सएप पर आकर खत्म हो जाता है – शिवनाथ बिहारी
कपिल शर्मा को लेकर कायस्थ समाज के कुछ कागजी संगठनो ने बिना बात के एक विवाद पैदा किया हुआहै I भगवान् चित्रगुप्त के अपमान को ढाल बना कर ये लोग ना सिर्फ अपनी राजनीती दूकान को चलाने में लगे बल्कि भगवान् चित्रगुप्त का अपमान भी कर रहे है I सच ये है की अगर भगवान् चित्रगुप्त की जगह साईं को ...
Read More »कायस्थ समाज को भाजपा ने उचित प्रतिनिधित्व की दिशा में संतुलित कदम बढ़ा दिया है – मनीष श्रीवास्तव
कायस्थ समाज को भाजपा ने उचित प्रतिनिधित्व की दिशा में संतुलित कदम बढ़ा दिया है। अब कायस्थ समाज को भाजपा ने उत्तर प्रदेश, बिहार,झारखंड, मध्यप्रदेश ,राजस्थान, पश्चिमी बंगाल, उड़ीसा, त्रिपुरा, महाराष्ट्र,दिल्ली समेत कई प्रदशो से अनेक प्रतिनिधित्व दिए है और दे रहे है।अब उन सभी प्रतिनिधित्व पा रहे कायस्थ नेताओ की जिम्मवारी है कि वो सभी स्वामी विवेकानंद विचारधारा के ...
Read More »कायस्थ समाज का दुर्भाग्य है की सामाजिक चर्चा की जगह व्यक्तिगत और दोषपूर्ण आरोप लगाने वाले प्रशान्त सिन्हा रोल माडल बन रहे है
कायस्थ समाज यूँ तो बुद्धिजीवी होने का ढोंग पुरे जोर शोर से करता है I और उसे सभी जगह ढोल बजाकर सुनाता है भी है पर क्या सच यही है ? क्या वाकई कायस्थ समाज में लोग अपना वैचारिक स्तर ऐसा बनाकर रख पाते है की उन्हें बुद्धिजीवी कहा जा सके ? शयद नहीं उदाहरण के लिए हम प्रशान्त सिन्हा ...
Read More »कितना भरोसा रहा होगा शत्रुघ्न सिन्हा को कायस्थों मतों पर जो उन्होंने कहा परिस्थिति कोई भी हो …लोकेशन वही रहेगी
परिस्थिति कोई भी हो ...लोकेशन वही रहेगी... इन्हीं शब्दों में पटना से लड़ने का ऐलान किया था शत्रुघ्न सिन्हा ने जब पत्रकारों ने उनसे पूछा था कि अगर पटना से टिकट नहीं दिया कांग्रेस ने तो वह क्या करेंगे? कितना भरोसा रहा होगा अपनी बिरादरी के कायस्थ मतों पर जब उन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि लड़ना उन्हें पटना से ...
Read More »पटना में एक बहुत ही गंदी राजनीति के तहत समाज को आपस मे लड़वाने एवम् कायस्थो की राजनिती खत्म करने का काम छोटे मोदी ने किया है- पुष्कर श्रीवास्तव
आज कल एक खबर बहुत चर्चा मे है ,की श्री आर.के.सिन्हा जी को स्टार प्रचारक के सुचि मे नही रखा गया। यह एक सोची समझी शाजिस के तहत समाज को निचा दिखाने का शडयंत्र रचा गया। ज़रूर पढ़े : छ्टे और सातवे चरण के लिए बीजेपी के स्टार प्रचारको की लिस्ट में आर के सिन्हा का नाम नहीं, बीजेपी ने पटना ...
Read More »कायस्थ बोलता है : कायस्थों का पतन भाजपा की अंधभक्ति के कारण हुआ है – संदीप सक्सेना
कायस्थों का पतन भाजपा की अंधभक्ति के कारण हुआ है। चूंकि भाजपा जानती है कि कायस्थों का भला करो या न करो कायस्थ समाज तो भाजपा का ही भक्त है,जिसके अन्य दल कायस्थों को इसीलिए तरजीह नहीं देते कि कायस्थ भाजपा का बंधुआ मजदूर है। इसीलिए कायस्थ की "नेक्स्ट जनरेशन" को न तो राजनीति में हिस्सेदारी मिल रही है और ...
Read More »पूनम सिन्हा से निबटने के लिए राजनाथ सिंह ने लखनऊ में कायस्थ संगठनों की बैठको में एक ही बात दोहराई की वो जाती की राजनीति नहीं कर रहे है -अश्वनी श्रीवास्तव
पिछले चार-पांच दिनों के लखनऊ के अखबार पढ़कर पता चल रहा है कि यहां राजनाथ सिंह अपनी सांसदी बचाने के लिए दिन रात एक किये हुए हैं। अपने सामने बड़ा खतरा बन चुकीं सपा बसपा गठदबंधन उम्मीदवार पूनम सिन्हा से निपटने के लिए राजनाथ सिंह ने इस बीच में कायस्थ संगठनों की कई बैठकों में शिरकत की है। आज अभी ...
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