आप ये खबर कायस्थ खबर पर पढ़ रहे है ---विवादों का समागम : बीच कार्यक्रम कानपुर सम्मलेन से गये पंकज भैयागौरतलब है की कार्यक्रम मे दिल्ली , मध्य प्रदेश , राजस्थान , गोवा और महाराष्ट्र से हजारो लोगो के पहुँचने का दावा किया गये है मगर आज आयोजन मे हजार से भी कम भीड़ उठने पर समाज मे इसकी चर्चा है की आखिर ऐसा क्यूँ हुआ ? चिंता की बात ये भी रही की आयोजन के साथ शुरू मे ही कायस्थ समाज के बड़े सांसदों मंत्रियो जैसे रविशंकर प्रसाद , शत्रुघ्न सिन्हा , जयंत सिन्हा और सुरेश प्रभु के नाम इस कार्यक्रम के निमंत्रित लोगो मे से थे मगर उनमे से किसी भी एक का ना होना कई सवाल खड़े कर गया है I कायस्थ चिन्तक MBB सिन्हा इस पर अपनी बात रखते हुए कहते हैं मैंने अपने एक पूर्व पोस्ट में समागम के आयोजको के बेतुके एवं हठीले प्रयासों को देखते हुए इस समागम से राष्ट्रीय एवं महासमागम जैसे शब्द पर आपत्ति की थी. राष्ट्रीय सम्मेलन हेतु आवश्यक देश के सभी कायस्थ बहुल राज्यों में लगातार बैठके कर एवं सभी कायस्थ संगठनो को प्रेरित करने जैसा कोई भी कार्य न किया जाना इसके स्वरूप को स्वतः स्पष्ट कर रहा था. अतः सुझाव के रूप में एवं आपत्ति करते हुए हमने कई पोस्ट लिखे थे. हमने आशंका व्यक्त की थी इस इस समागम की असफलता से कायस्थ समाज बहुत कुछ खो देगा, जो सही साबित हुई है हालांकि आयोजक मंडल की तरफ से इसकी सफलता या असफलता को लेकर कायस्थ खबर की अभी कोई बात नहीं हुई है पर कायस्थ समाज मे इसको लेकर उठे विवादों की चर्चा लम्बे समय तक याद की जायेगी
उम्मीद जगाने मे असफल रहा कानपुर का कार्यक्रम – दावो को लेकर उठे सवाल
पिछले कई दिनों से चर्चा मे रहा कायस्थ समाज का कानपुर का कायस्थ समागम आखिर आज हो ही गया मगर वैसा शायद नहीं जैसा आयोजको ने इसके शुरू मे दावा किया था I पहले १ लाख और बाद मे कम होते होते २० हजार के दावे को परखने के दिन जब इस कार्यक्रम की पहली झलक लोगो को मिली तो वहां सिर्फ १००० लोगो के बैठने का इंतजाम था I
इतने पर भी कानपुर से मिली खबरों के अनुसार बमुश्किल 2 बजे तक 6०० से 7०० लोग ही कार्यक्रम मे बैठे दिखाई दिए जिसके बाद ये सवाल जरुर खड़े होने लगे की आखिर महीनो से चलते तयारियो और दावो का क्या हुआ ?
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