ABKM विवाद : “A.B.K.M. में छटपटाहट क्यों” – संजीव सिन्हा
देश की सबसे पुरानी जातीय संस्था कही जाने वाली अखिल भारतीय कायस्थ महासभा में विगत लगभग 4 माह से बहुत बेचैनी है। ये बेचैनी क्यों है? यह विचारणीय प्रश्न है। एक नजर इसके विश्लेषण पर :-
1. एकता का जो प्रयास ABKM को करना चाहिए था उसे कायस्थ वृंद ने शुरु किया।
2. विकास की जो पहल उन्हें करना चाहिए था वो कायस्थ वृंद ने किया ।
3. महिला सशक्तिकरण और स्वरोजगार पर जो काम ABKM को करना था वो कायस्थ वृंद ने किया।
4. कायस्थ वृंद राजनीतिक प्रकोष्ठ का गठन सिर्फ नाम के लिए नहीं बल्कि वास्तविक रुप में समाज की राजनीतिक दशा तय करने के लिए जमीनी स्तर पर काम करने के लिए किया।
5. चाहे पुरुष लीडर्स हों या महिला लीडर्स उनको तैयार कायस्थ वृंद ने किया और जब उनकी समाज में पहचान बन गयी तो ABKM ने कायस्थ वृंद के लीडर्स को पद का प्रलोभन देकर पदाधिकारी बनाने हेतु चाल चली, जिसमें कुछ तो फंस गये परंतु हमारा Think Tank उस चाल में नहीं फंसा।
6. ऐसा करके ABKM क्या साबित करना चाहता है कि समाज में सिर्फ उसका वर्चस्व हो। पर ये बात तो उसे शुरु से ही सैचना चाहिए था और तब तै कोई प्रतिद्वंद्वी भी नहीं था। पर तब तो ये पदलोलुपता में फंसकर अपना अहंकार संतुष्ट करते रहे।
7. आज क्यो बेचैनी है ये तब क्यों नही थी जब हमारे पूर्वजों की जमीन दूसरे हडप रहे थे तब क्यों नही आवाज उठाया ABKM ने। तब बेचैन हुए होते तो शायद आज हमारा समाज बहुत बेहतर स्थिति में होता।
8. वर्ष 1980 में ये बेचैनी कहा चली गयी थी जब कांग्रेस पार्टी डा. राजेंद्र प्रसाद की जगह संविधान निर्माता के रूप में डा. अम्बेडकर को प्रस्तुत कर रही थी।
9. कहा चली गयी थी ये बेचैनी जब कायसथों के घरों में भगवान चित्रगुप्त की जगह साई बाबा की पूजा शुरु हो रही थी।
10. ये बेचैनी तब क्यों नही उठी जब चंद रूपयों के लिए और पद लोलुपता के लिए ABKM का बंटवारा हुआ। तभी क्यों नहीं एकता के प्रयास किये गये ।
10. और अत में सिर्फ एक महत्वपूर्ण बात का उल्लेख करूंगा कि ABKM ने आजतक कायस्थों के हित के लिए क्या किया? एक भी हितकर कार्य बतादे कोई भी लीडर। भगवान चित्रगुप्त जी के मंदिर मत गिनाये कोई भी, समाज हित के कार्य की जानकारी दें।
अगर किसी बंधु को बुरा लगा हो क्षमाप्रार्थी हूँ पर यही सच्चाई है जो नीम की तरह कडवी है पर इसे तै पीना ही होगा ताकि सारे वायरस समाप्त हो जायें और हमारा समाज विकास की राह पर अग्रसर हो सके।
संजीव सिन्हा
समन्वयक
कायस्थ वृंद
Only Kayasth Vrind Deserve me.
No other can & never.
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ABKM विवाद : "A.B.K.M. में छटपटाहट क्यों" - संजीव सिन्हा
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