इस हिसाब से अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के प्रभुत्व की लड़ाई उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से निकल कर बिहार में केंद्रित हो गयी है I हालांकि इस पूरी लड़ाई में हाशिये पर अगर कोई व्यक्ति आये तो वो AK श्रीवास्तव हैं जिन्होंने कई सालो से अपने और आशीष पारिया गुट के विवाद को इसलिए ख़तम किया था की एक बार वो राष्ट्रीय अध्यक्ष बनेगे और उसके बाद नयी कार्यसमिति बनेगी I लेकिन बीते दिनों उनके कोर्ट में अपना दावा वापस लेने के बाद जिस तरह से अचानक सुबोध कान्त सहाय को सामने लाया गया और उनके पीछे वही पुरानी कार्यकारणी दिखाई दे रही है ऐसे में AK श्रीवास्तव इस सब में कहाँ है इसका कुछ स्पष्ट नहीं हो रहा है I इस पुरे प्रकरण में देखा जाए तो AK श्रीवास्तव ही फिलहाल सारंग (अब सहाय) गुट द्वारा किये गये कानूनी मामले में भी पक्षकार हैं हालांकि अध्यक्ष बदलने से क्या वो पक्षकार अब सुबोधकांत सहाय होंगे ये प्रशन अभी भी महत्वपूर्ण है I इस पुरे कानूनी मसले के बाद AK श्रीवास्तव का स्टैंड क्या होगा अभी तक स्पष्ट नहीं है लेकिन फिलहाल सहाय बनाम सहाय की नयी लड़ाई में AK श्रीवास्तव कहीं बहुत पीछे छूटते नजर आ रहे हैदेखा जाए तो ये लड़ाई अब कैलाश सारंग VS AK श्रीवास्तव VS आशीष पारिया से निकल कर रविनंदन सहाय बनाम सुबोध कान्त सहाय में बदलने जा रही है I कायस्थ समाज में बिहार और झारखंड में दोनों ही नाम बहुत बड़े है I सुबोध कान्त सहाय जहाँ अपने राजनैतिक कद के चलते प्रभावशाली दिखाई देते है तो रविनंदन सहाय बिहार में अपनी कायस्थ विरासत और समाज से अपने वयवहार और सम्मान के चलते प्रभावशाली है I
अखिल भारतीय कायस्थ महासभा की राजनीती में रविनंदन सहाय और सुबोध कान्त सहाय के बीच कानूनी जंग : मझधार में फंसे AK श्रीवास्तव
कायस्थ खबर डेस्क I अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के बीते दिनों हुए बदलाव ने जहाँ कायस्थों में फिर जान फूंक दी वहीं कायस्थ राजनीती के पुराधाओ की बैचनी भी बढ़ गयी I रविनंदन सहाय के अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन्ने के बाद जिस तरह बाकी गुटों से लोगो का पलायन उनके अध्यक्षता वाली महासभा में हुआ वो हैरान करने वाला था I
हालांकि सुबोध कान्त सहाय की अध्यक्षता वाली महासभा भी अभी तक सामने खड़ी हुई है लेकिन एक महीन पहले वाली अपनी स्थिति को कायस्थ नहीं रख पा रही है I बीते दिनों उन्होंने इलाहबाद के वरिष्ठ वकील टीपी सिंह को अपना राष्ट्रीय संरक्षक बनाया है I लेकिन राष्ट्रीय स्टार पर अभी भी तथाकथित सारंग अब सहाय गुट हावी हो रहा है I