कायस्थ खबर डेस्क I पटना के कदमकुआं स्थित बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन में नवोदित लेखिका राशि सिन्हा की नई किताब "मुठ्ठी भर धूप " का विमोचन किया गया. राशि सिन्हा के उपन्यास मुठ्ठी भर धूप का विमोचन करते हुए सम्मेलन को अध्यक्ष डे अनिल सुलभ ने कहा कि नवोदित लेखिकाें एक संभावना -संपन्न प्रतिभाशाली कथाकार हैं, जिनमें आनेवाले दिनों में साहित्य संबंधी स्थापित सपने बनने जा सकते हैं I
सम्मेलन के उपाध्यक्ष न्रपेंद नाथ गुप्त, डॉ. शंकर प्रसाद(आकाशवाणी पटना के पूर्व अधिकारी) आकाशवाणी की भूतपूर्व लेखिका आशावाद सिन्हा, हैदराबाद से पधारे सुप्रसिद्ध साहित्य सेवी जनार्दन पाटिल,प्रो.वासुकी नाथ झा अमियनाथ चटर्जी, अखंड भारत त्रैमासिक पत्रिका के संपादक अरविंद भारत, कवि सुनी कुमार दुबे तथा भारतीय साहित्य संस्क्रति महाकुंभ के राष्ट्रीय अध्यक्ष राश दादा राश, कवि रमेश केवल ने भी अपने विचार प्रस्तुत किये. सभी ने समवेत स्वरों में लेखिका के संवेदनशील व उत्कृष्ट लेखनी की प्रशंसा करते हुए उनके सफल साहित्यक जीवन की कामना की. इस अवसर पर लेखिका की मां व भूतपूर्व नाट्यकार आशावाद सिन्हा ने उपन्यास मुठ्ठी भर धूप को तमाम नारियों का प्रतिनिधित्व करता एक पारीवारिक उपन्यास बताते हुए लेखिका को नक्षत्रों सा चमकने का आशीर्वाद दिया. उक्त अवसर पर लेखिका ने साहित्य सम्मेलन के प्रति विशेष आभार प्रकट करते हुए कहा कि मुट्ठी भर धूप एक नारी के अस्तित्व की तलाश पर आधारित एक ऐसा उपन्यास है जिसमें चेतना विहीन नारियों को जगाने का प्रयास किया गया है I
नारी के अस्तित्व को तलाशना यह उपन्यास पारीवारिक प्रष्ठ-भूमि में महिला का महिलाओं के द्वारा मानसिक -उत्पीड़न की प्रस्तुति का प्रयास है जिसमें सहचर बना पुरुष नारी के अस्तित्व को आशावादी दिशा देने में सहायक होता है आज के दौर में जहां पुरुषों के खिलाफ लिखने की परंपरा का प्रचलन है वैसे में लेखिका का यह उपन्यास समप्रति साहित्य में थोड़ा हटके किया गया प्रयास है. गौरतलब है कि यह लेखिका की इसी वर्ष आई दूसरी किताब है. उनकी पहली किताब का विमोचन 9 जनवरी को शहर के सुमंगल हॉल में किया गया था, जिनके लिए उन्हें भारत स्तर की संस्था की राज्य- स्तरीय इकाई द्वारा "नवोदित युवा प्रतिभा साहित्य गौरव सम्मान 2018" से सम्मानित किया गया है