अतुलश्रीवास्तव /कायस्थ खबर डेस्क I २ अक्टूबर को शास्त्री जयंती के मौके पर नॉएडा में कायस्थ समाज की बैठक सेक्टर ६१ के सामुदायिक केंद्र में की गयी I जिसमे कायस्थ समाज के सभी प्रमुख समाज सेवियों ने उपस्थिति दर्ज की I सभा को कायस्थ खबर के मैनेजिंग एडिटर आशु भटनागर में माडरेट किया I सभा में आये सभी लोगो ने कायस्थ समाज की नॉएडा में हुए बिखराव पर चिंता जाहिर की I
सभा का आरम्भ भगवान् चित्रगुप्त के पूजन और पूर्व प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी को श्रधासुमन अर्पित करने से हुआ I जिसके बाद आशु भटनागर ने नॉएडा कायस्थ समाज के बिखरब की चर्चा को माडरेट करते हुए सभी पुराने सदस्यों से इस पर जानकारी देने को कहा I पूर्व में नॉएडा चित्रगुप्त सभा के महासचिव आर एन श्रीवास्तव ने चर्चा को आरम्भ करते हुए बताया की २०१२के बाद आरके सक्सेना को इस सभा का अध्यक्ष बनाया गया लेकिन उनके द्वारा कोई कार्य ना किये जाने पर सभा की ज़िम्मेदारी में राजन श्रीवास्तव को सौपी गयी I जिसमे सभी के पुन पंजीकरणसे सम्बंधित कार्य होने थे I लेकिन राजन श्रीवास्तव ने पुरानी सभा की जगह श्री चित्रगुप्त सभा ट्रस्ट के गठन की सुचना सभी सदस्यों को दी I चूँकि राजन श्रीवास्तव अब उसी ट्रस्ट को चला रहे है इसलिए नॉएडा चित्रगुप्त सभा का अब कोई अस्तित्व नहीं है I बीते सालो में राजन श्रीवास्तव अपने ट्रस्ट के माध्यम से कई सराहनीय कार्य कर रहे है लेकिन कायस्थ समाज से दूर हो गए है I
ऐसे में नॉएडा कायस्थ समाज को एक ऐसी कायस्थ सभा की आवश्यकता है जिसमे सभी कायस्थों की हिस्सेदारी हो जिसमे चाहे १०० रूपए का योगदान हो या १० हजार का , लेकिन सबका योगदान हो I
आर एन श्रीवास्तव की बातो से समत होते हुए राजेश श्रीवास्तव और ओपी श्रीवास्तव ने भी बाते की १९८७ में ३२ लोगो के साथ ही इस सभा का गठन किया गया था लेकिन बाद में उसका
नवीकरण ना होने और कभी अन्य कारको के चलते सभा नहीं चल पायी I लेकिन आज समाज को फिर से एक नयी सभा की आवश्यकता है I
२००७ में सभा के महासचिव रहे विवेक श्रीवास्तव ने भी बाते की उस समय से सभा लगभग मर्त्प्राय थी, जिसके कई साल बाद बाद आर के सक्सेना जी को कमान सौपी गयी थी लेकिन तब् भी कुछ काम नहीं हुए I नॉएडा की समाज सेवी डा रेनू वर्मा ने सभा के नई गठन के साथ ही उसके उद्देश्य को भी पुनः परिभाषित करने को कहा, उन्होंनेकहा की आज ज़रूरत इस बात की है की सभा को कायस्थ समाज की मदद करने के कार्यक्रमों पर जोर देना चाहए ।
२००८ से चित्रगुप्त सभा से जुड़े अम्बुज सक्सेना ने भी समाज के मेडिकल , एडुकेशन, लोगो की सहायता , बच्चों की शादियां जैसे कार्यक्रमो पर जोर देने की बात उठाई , उन्होंने कहा कि समाज के आखरी व्यक्ति को अगर हम सभा के जरिये मदद दे पाए तभी सभा को बनाया जाए ।अम्बुज सक्सेना ने कहा कायस्थ सभा स्थापित कलाकारों की जगह कायस्थ समाजबके बच्चों को आगे लाने का काम करें ।
नयी सभा के प्रारूप पर बोलते हुए पूर्व अध्यक्ष राजेश श्रीवास्तव ने विकेंद्रीकरण के मॉडल को लागू करने की सलाह दी जिससे अध्यक्ष का ही एकाधिकार ना होने के कारण सभा मे सबकी भागीदारी बनी रहे । राजेश जी के सुझाव का सबने स्वागत किया । विक्रम श्रीवास्तव ने सलाह दी कि सभा मे एक सदस्यता शुल्क हो और सहयोग शुल्क हो जिससे लोगो की रुचि सभा की एक्टिवतियो में बनी रहे । फ्री की सदस्यता के चलते लोगो की उदासीनता हो जाती है और लोग उसमे जाने से बचने लगते है ।साथ ही सभा के लिए अगली मीटिंग आर एन श्रीवास्तव जी के स्कूल में होगी ।
इस सभा मे एक अच्छी शुरुआत ये हुई कि कोई मंच नहीं रखा गया I मंच पर सिर्फ भगवान् चित्रगुप्त जी और पूर्व प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी के चित्र विराजमान थे I समाज के सभी लोग आपस मे मिल कर बैठे और आपस मे विचारो एवं सुझाओ का आदान प्रदान किया Iआम और खास का अंतर को इस कार्यक्रम मे तिलांजलि दी गई.. और सभी को इसमे अपने विचार रखने की स्वतंत्रता दी गई
कार्यक्रम में पूर्व अध्यक्ष राजेश श्रीवास्तव , महासचिव आर एन श्रीवास्तव , ओ पी श्रीवास्तव , विवेक श्रीवास्तव , देवेंद्र राजकुमार श्रीवास्तव , डॉक्टर अतुल वर्मा , समाज सेवी डॉक्टर रेनू वर्मा , अंबुज सक्सेना, पत्रकार अतुल श्रीवास्तव, संजय श्रीवास्तव नाटी स्वतंत्र पत्रकार अनिल श्रीवास्तव राघवेंद्र , योगेंद्र सक्सेना , मधुकर सहाय, विक्रम श्रीवास्तव , शेखर धर, एडवोकेट अरविन्द श्रीवास्तव , रणजीत श्रीवास्तव, अनुपम कुलश्रेष्ठ, सत्यम श्रीवास्तव, ब्रजेश श्रीवास्तव एवं शिवम्आ श्रीवास्तव समेत अनेको कायस्थों ने भी सहयोग किया
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