१ आदमी का टिकट केजरीवाल ने बिलकुल सही काटा है वो है द्वारका से आदर्श शास्त्री I वैसे तो ये कायस्थ भाई पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी के परिवार से है पर है पूरा काम राहुल गांधी से कम नहीं हैं I टिकट काटने के बाद बयान दे रहे है की मैं एप्पल की १.५ करोर की नौकरी छोड़ कर आया था और अब मेरा टिकट काट दिया
तो भाई नौकरी छोड़ कर राजनीती में नौकरी ही खोज रहे थे क्या ?
अरे भाई तुम जनता से ना मिलो और बस स्व शास्त्री जी के नाम पर मलाई काटे जाओ, बताओ कोई क्या उपलब्धि है बीते ५ साल में द्वारका में ?
आपके पिताजी anil शास्त्री भी कांग्रेस में और आपकी जगह टिकट पाए विनय मिश्र के पिताजी भी कांग्रेस में ही हैं आपकी तरह विनय ने भी वही खेल खेला मतलब पिताजी की पार्टी की जगह दूसरी पार्टी चुनी और टिकट पा गये
अब जनाब कह रहे है की मुझे बता दो कि मुझे गलती कहाँ हुई तो भैया आप सोचो की आप आखरी बार उन कायस्थों से कब मिले थे जिन्होंने आपके लिए घर घर म्हणत की थी और हाँ शास्त्री जी जैसे महान शख्सियत के पुत्र होने का फायदा एक बार मिल सकता है बार बार नहीं
मुझे याद है कायस्थ समाज के एक नेता से आपने मिलने से ही मना कर दिया था की आप समाज के लोगो की म्हणत से नहीं आम आदमी पार्टी आप और केजरीवाल की लहर में जीते है तो मालिक अच्छे वक्त में सब सही होता है लेकिन जब अपने दिखाई नहीं देते तो ऐसे ही अँधेरा छाता है
आप समझिये की दिल्ली में सरकार में होने के बाद आपने कायस्थों के लिए क्या किया, उनको कितनी तवज्जो दी I अभी हमको जाती को ना मानने वाली पार्टी का ज्ञान मत देना I केजरीवाल खुद कई जगह बनिया होने की बातें कर चुके है और आपकी पार्टी के सारे मुस्लिम चेहरे अपने धर्म के लोगो के लिए पार्टी तक को चैलेन्ज कर देते है तब आपको पार्टी के सामें समाज नहीं दिखा तो अब समाज भी आपकी लड़ाई या फिर्क क्यूँ करे आपका उदाहरण हमारे समाज के लोगो के लिए उदाहरण होना चाहए की समाज से नहीं जुदोगे तो ऐसे ही टिकट से हाथ धो बैठोगे
खैर अब नौकरी ढूंढे दुबारा या फिर आम आदमी पार्टी से पूछिये पर पहले खुद से की आपकी गलती कहाँ है