हिटलर की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौत की कामना वाला बयान देकर सुबोध कान्त सहाय देश मे भर लोगो ओर मीडिया के साथ साथ कायस्थ ओर कायस्थ नेताओ के निशाने पर आ गए है I
#WATCH | Modi will die Hitler's death if he follows his path, says Congress leader Subodh Kant Sahay at party's 'Satyagrah' protest against ED questioning of Rahul Gandhi & Agnipath scheme in Delhi pic.twitter.com/fO8LfRShvK
— ANI (@ANI) June 20, 2022
वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुबोधकांत सहाय ने पीएम मोदी की तुलना एडोल्फ हिटलर (Hitler) से करते हुए कहा कि अगर मोदी हिटलर की राह पर चला तो हिटलर की मौत ही मरेगा. उन्होंने आगे कहा कि मोदी को शायद पता नहीं है कि हम किस परंपरा फॉलो करते हैं. राहुल गांधी मोदी की आंख में आंख डालकर बात करते हैं. ये झारखंड़ में सीएम को कैसे हटाया जाएं, रोज षड़यंत्र कर रहे हैं. मुझे लगता है कि मोदी ने हिटलर का सारा अध्याय पार कर दिया है
बयान के माद मीडिया से बात चीत मे अपने बयान पर अडिग रहने को लेकर जहां कांग्रेस मे भी 2 फाड़ हो गए वहीं कायस्थ समाज के लोगो ओर समाज के संगठन अखिल भारतीय कायस्थ महासभा ने भी सुबोध कान्त सहाय से किनारा करना शुरू कर दिया है I एनकेएसी के राष्ट्रीय संयोजक अशोक श्रीवास्तव ने जहां सुबोध कान्त सहाय को ही disown करने की बात कह दी वहीं ABKM2150 के संयोजक मनीष श्रीवास्तव ने 26 जून को पूरे देश मे उनका पुतला फूंकने की बात कही। कायस्थ खबर के प्रबंध संपादक आशु भटनागर ने ऐसे बयान को अस्वीकार्य बताया I तो नरेंद्र मोदी विचार मंच की महिला राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ ज्योति श्रीवास्तव ने पूछा कि क्या ऐसी कामना के बाद कोई किसी दल या संगठन का नेता बन सकता है
क्या #ABKM अध्यक्ष @SubodhKantSahai द्वारा पीएम @narendramodi की मृत्य की कामना करने वाले बयान से कायस्थ समाज और समाज के भाजपा नेता सहमत है @MaheshchandBJP @DrArun_BJP @rsprasad @ashubhatnaagar @RKSinhaBJP @abkmofficial
— kayasthaKhabar (@kayasthaKhabar) June 20, 2022
बयान के बाद हुए बवाल के बाद अखिल भारतीय कायस्थ महासभा ने किया कार्यक्रम स्थगित
बयान के बाद लोगो कि प्रतिकृया ओर विरोध के बाद अखिल भारतीय कायस्थ महासभा ने सबसे पहले 25 से 27 जून को देहरादून मे होने वाले अपने कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है I हालांकि अखिल भारतीय कायस्थ महा सभा के राष्ट्रीय महामंत्री ने कार्यक्रम स्थगित करने का कारण सुबोध कान्त सहाय के बयान की जगह अग्निवीर योजना के कारण देश भर मे यात्रा संबंधी दिक्कत को बताया है I लेकिन लोगो के अनुसार ये सिर्फ एक बहाना है ताकि अध्यक्ष पर उठने वाले सवालो से बचा जा सके I
कायस्थ समाज महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री के बयान पर आश्चर्य भी जता रहा है क्योंकि अग्निवीर योजना का तांडव बीते कई दिनो से चल रहा है ओर सुबोध कान्त सहाय खुद उनही युवाओ के पक्ष मे प्रधानमंत्री मोदी की तुलना हिटलर से कर रहे थे जिनको महामंत्री भ्रमित युवा बता रहे है I लोगो का कहना है कि क्या महा सभा अपने अध्यक्ष सुबोध कान्त सहाय के बयान के बाद अब युवाओ को भ्रमित बता कर युवाओ का अपमान कर रही है या फिर मान रही है की उनके अध्यक्ष अपने फाड़े के लिए युवाओ को भ्रमित कर रहे थे
सवाल ये भी है कि अगर सुबोध कान्त सहाय खुद रांची से दिल्ली आ जा पा रहे है तो लोगो के आने जाने कि बात मे परेशानी कहा से आ रही है I कायस्थ समाज के लोगो ने कायस्थ खबर को बताया कि अखिल भारतीय कायस्थ महासभा सिर्फ लोगो के सवालो से बचने के लिए इस कार्यक्रम को स्थगित की है उसे उसके लिए अग्निवीर योजना मे नाम पर युवाओ को भ्रमित ओर जिम्मेदार बता रही है I
वही इस मामले पर कायस्थ खबर को मिली जानकारी के अनुसार भाजपा से जुड़े राजनेताओ ने इस बयान के बाद सुबोध कान्त सहाय के साथ मंच शेयर करने से मना कर दिया, नाम ना छापने कि शर्त पर महासभा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कार्यक्रम के समाज से जुड़े उत्तर प्रदेश के एक राज्यमंत्री ओर नए बने उप राज्यपाल ने बयान के बाद साथ आने मे असमर्थता जताई जिसके कारण एबीकेएम के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गयी है I हालत ये है की संगठन से ही कई लोग सुबोध कान्त सहाय जैसे अपरिपक्व राजनेता को अध्यक्ष पद से हटाने की भी बातें कर रहे है लोगो का कहना है कायस्थ समाज का 98% हिस्सा भाजपा को पसंद करता है ऐसे मे सुबोध कान्त सहाय का मोदी के प्रति दुराग्रह ओर इस तरह के बयानो से कायस्थ समाज शर्मिंदा होता है I लोगो ने सुबोध कान्त सहाय द्वारा एबीकेएम के अध्यक्ष बनने के दौरान ( KADAM ) जैसी विचार को लाने पर भी सवाल उठाए थे जिसमे सुबोध कान्त सहाय ने कायस्थों को आदिवासी , मुसलमानो, दलितो के साथ मिलकर सामाजिक आंदोलन चलाने कि बात की थी
कायस्थों को ओबीसी आरक्षण मे शामिल करने पर पर भी एबीकेएम ने किया समर्थन
कायस्थ समाज की सुबोध कान्त सहाय से नाराजगी पहले भी रही है पूर्व मे भी जब यूपी मे समाज के एक नेता ने कायस्थ समाज को ओबीसी मे शामिल करने की बात कही थी तो सुबोध कान्त सहाय के अध्यक्षता वाली अखिल भारतीय कायस्थ महासभा ने सर्वे का सहारा लेते हुए आरक्षण के समर्थन मे जाने का समर्थन कर दिया था जिसके बाद कायस्थ समाज के युवाओ मे एबीकेएम का विरोध ओर बहिष्कार दोनों किया था I तब भी कायस्थ युवाओ ओर कायस्थ नेताओ के बीच विचारो ओर सोच का बड़ा अंतर सामने आया था I तब भी एबीकेएम के कायस्थ नेता जहां चुनाव मे टिकट के लिए समाज के आत्मसम्मान को पीछे छोड़ दिये थे तो आज कांग्रेस से राज्यसभा जाने के लिए सुबोध कान्त सहाय ने एक ऐसा बयान दे दिया जिस पर पूरा देश कायस्थ समाज से सवाल कर रहा है की आखिर किसी की म्रत्यु की माना कोई कायस्थ समाज का नेता कैसे कर सकता है I
सामाजिक संगठन का अध्यक्ष राजनेता क्यूँ ?
दशको से चुनाव ना करा पाने वाली अखिल भारतीय कायस्थ संगठन के अध्यक्ष सुबोध कान्त सहाय के विवादित बयान ओर कार्यक्रम के स्थगित होने के बाद कायस्थ समाज के लोगो ने सामाजिक संगठन के अध्यक्ष जैसे सर्वोच पद पर किसी राजनेता के चयन पर ही सवाल उठाए है I लोगो का कहना है राजनेता के बयान अपनी पार्टी लिने के अनुसार दिये जाते है ना की कायस्थ समाज के हिट मे ऐसे सुबोध कान्त सहाय हो या कोई ओर राजनेता , किस तरफ से उनको अध्यक्ष जैसा ज़िम्मेदारी वाला पद दे दिया गया है I राजनेता किसी भी महासभा मे सलहकार या संरक्षक के तोर पर हो लेकिन संगठन की बागडोर किसी युवा सामाजिक सरोकारों वाले वायक्ति को ही दी जानी चाहिए I सामाजिक संगठन के राजनैतिक वयक्ति को पद देने की परंपरा को समपट किया जाना ज़रूरी है I
एबीकेएम 2150 के संयोजक मनीष श्रीवास्तव ने तो एबीकेएम को कांग्रेस समर्थित नेताओ का संगठन तक कह दिया है उन्होने यूपी ओर उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष पर भी कांग्रेस राजनेता होने का दावा किया है
प्रसिद्द अनुवादक ओर कायस्थ चिंतक राजकिशोर सिन्हा जहां इसे अस्वीकार्य बताते है तो अजय श्रीवास्तव पूछते हुए कहते है कि आखिर सुबोध कान्त सहाय कांग्रेस के नेता होने के नाते होने के चलते किस आधार पर कायस्थ समाज के भारत के प्रधान मंत्री या किसी राज्य के मुख्यमंत्री के साथ कोई मांग रख पाएंगे I वो अपनी राजनीति के जो कह सकते है वो वही कहेंगे ओर उसका परिणाम ऐसा ही होगा जिससे समाज को समस्या होगी
मोदी जी कायस्थ है क्या..?सुबोध जी ने किसी कायस्थ को तो नही कुछ कहा,तो क्यो विरोध सुबोध जी का,भारत ही नही दुनिया मे जितने भी तानाशाह हुए वो कोई अपनी मौत नही माफी,मोदी जी की कार्यप्रणाली भी तानाशाही वाली ही है,तो क्या गलत कहा सुबोध जी ने,मैं एक कायस्थ संगठन अध्यक्ष होने के कारण सुबोध जी के बयान का समर्थन करता हूँ और उनके साथ पूरा संगठन है ,जिनको कायस्थ समाज से अधिक मोदी प्यारे हो वो कायस्थ लिखना बंद कर मोदी की जाती में शामिल हो जाये,वो अशोक श्रीवास्तव जी हो या कोई और,ऐसे कायस्थों का क्या मतलब जो जाती विरोधी हो-ऐसे जाती विरोधी कायस्थ कायस्थ समाज के लिए कलंक हैl???सुबोध जी जिंदाबाद
डॉ नवनीत प्रकाश श्रीवास्तव
राष्ट्रीय अध्यक्ष
कायस्थ चित्रगुप्त महासभा
मोब 8562979786