मुद्दे की बात : उत्तर प्रदेश में आम आदमी पार्टी में भी हुई कायस्थों की उपेक्षा, जातीय समीकरण में कायस्थ फिर हाशिये पर
कायस्थ खबर डेस्क I उत्तर प्रदेश के लिए आम आदमी पार्टी ने बिखरे हुए विपक्ष का स्थान बनाने की कोशिश शुरू कर दी है I इसके लिए बाकायदा लखनऊ में मीटिंग हो रही है I पिछले दिनों हुई बैठक के बाद लगभग 22 प्रदेश प्रवक्ताओ की लिस्ट भी जारी की गयी I लेकिन हर पार्टी की तरह आम आदमी पार्टी में भी कायस्थों को हाशिये पर ही रख दिया गया है
दरअसल बनिया , ब्राह्मण और ठाकुर के अधिपत्य वाली इस पार्टी में जब उत्तर प्रदेश में संजय सिंह के नेतृत्व में तैयारी शुरू की तो सबसे पहला स्थान ठाकुरों को ही मिला , कुमार विश्वाश और अरविन्द केजरीवाल के चलते बनियों और ब्राह्मणों को भी पूरा स्थान मिला लेकिन जब बात कायस्थों की आई तो इस पार्टी में भी कायस्थों की उपेक्षा कर दी गयी
कायस्थ खबर को मिली जानकारी के अनुसार नॉएडा के संजीव निगम आम आम आदमी पार्टी के फाउंडर सदस्य भी है और पार्टी की हर गतिविधियों में लगातार ऐज बढ़ चढ़ कर हिस्सा भी लेते है , यहाँ तक की यूपी चुनावों से पहले उत्तर प्रदेश में हुई रैलियों के पीछे भी संजीव ही थे I कानुपुर के रहने वाले संजीव निगम नॉएडा में जिला प्रवक्ता है और आम आदमी पार्टी की और से लगभग 400 से ज्यदा टेलीविजन डिबेट में हिस्सा ले चुके है और लगातार किसी ना किसी चैनेल पर दिखाई भी देते है लेकिन जब प्रदेश के प्रवक्ताओ की लिस्ट आई तो उम्मीद के विपरीत उनका नाम गायब था
गौतम बुधनगर में कायस्थ समाज का चेहरा है संजीव निगम
संजीव निगम नॉएडा ही नहीं गौतम बुध नगर के प्रमुख कायस्थ समाज सेवियों अपना स्थान रखते है I कायस्थ समाज से जुड़े तमाम मुद्दों पर संजीव हमेशा समाज के लिए आगे आये है I चाहे वो २०१५ में हमीरपुर निर्भया का केस हो या प्रदेश स्तर पर किसी और मुद्दे पर आगे आना हो I ऐसे में अगर आम आदमी पार्टी कायस्थों के इस लोकप्रिय चेहरे को प्रदेश में इग्नोर करती है तो समाज का प्रतिरोध भी महंगा पड़ेगा I कायस्थ समाज के बिभिन्न संगठनों के समूह कायस्थ वृन्द के मुख्य समन्वयक धीरेन्द्र श्रीवास्तव ने इस बात पर आक्रोश जताते हुए कायस्थ खबर से कहा की अगर कोई पार्टी कायस्थ नेताओं की उपेक्षा करती है तो उसे निश्चित तोर पर कायस्थों वोटो का नुक्सान उठाना ही पड़ेगा
पार्टी के लिए समर्पित रहे , कभी पद नहीं माँगा
कायस्थ खबर ने जब इस बाबत संजीव निगम से बात की तो उन्होंने किसी विवाद की स्थिति से तो इनकार किया लेकिन मन की पीड़ा भी छुपा ना सके I हालांकि संजीव ने सिर्फ इतना ही कहा की वो पार्टी के साथ शुरू से जुड़े रहे है , और पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता है , उन्होंने पार्टी से कभी किसी पद की अपेक्षा भी नहीं की , हालांकि अगर जिला प्रवक्ता के लिए उनका नाम आता तो वो उनकी कर्मभूमि उत्तर प्रदेश में आम आदमी पार्टी का पक्ष मजबूती से रखते I लेकिन शायद पार्टी में उनके लिए कोई और ही भूमिका सोच रक्खी होगी
कार्यकर्ता नहीं , अरविन्द केजरीवाल, संजय सिंह को चेहरा दिखाने पर मिलता है पद ?
आम आदमी पार्टी में शुरू से जुड़े एक बड़े नेता ने कायस्थ खबर को नाम ना छपने की शर्त पर बताया की दरअसल अब आम आदमी पार्टी में भी अन्य दलों की तरह झंडा उठाने वाले लोगो की पूछ नहीं होती है , पार्टी में वही लोग पद और प्रतिष्ठा पाते है जो अरविन्द केजरीवाल , संजय सिंह जैसे बड़े नेताओं के इर्द गिर्द चेहरा दिखाते रहते है I ऐसे में इन प्रवक्ता लिस्ट में आये चेहरों पर कोई आश्चर्य नहीं
क्या कायस्थों को आगे लायेगी आम आदमी पार्टी ?
लेकिन यहाँ सवाल एक संजीव निगम का ही नहीं , उन हजारो कायस्थों का भी है जो इस उम्मीद में आम आदमी पार्टी से जुड़े की वो बिना जाती के आधार पर प्रतिनिधित्व का चेहरा बदल देंगे लेकिन जिस तरह से उत्तर प्रदेश में आदमी पार्टी ने कायस्थों को दरकिनार किया है उससे कई कायस्थ जल्द ही विरोधी दलों में दिखाई देने लगे तो कोई अजरज की बात नहीं होगी
अब ऐसे में देखना ये रोचक होगा की आम आदमी पार्टी आगे भी कायस्थों की उपेक्षा करना जारी रखेगी या फिर अपनी इस गलती को सुधार कर सबको बराबर का मौका देगी