कायस्थ खबर डेस्क I अखिल भारतीय कायस्थ महासभा को लेकर तमाम जानकारियाँ कायस्थ खबर समय समय पर अपने पाठको को देता रहा है I इसके विवादों और दस्तावेजी अध्यन से कैसी ऐसी बातें पूर्व में भी सामने आती रही है जिससे पता चलता है की १९८१ में पंजीकृत ये अखिल भारतीय कायस्थ महासभा में कभी भी सब कुछ सही नहीं रहा हैऐसे तमाम वाकये पीछे भी आते रहे है जिनको बाद में अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के लोग कई सालो तक कोर्ट में लड़ते रहे और बाद में कोर्ट की फटकार के बाद समझोते के तोर शांत हुए है I जिसके बाद बीते दिनों इसी साल मार्च में एक एक अध्यक्ष और एक नयी कार्यकारणी की घोषणा की गयी , लगभग जून में सामने आयी कार्यकारणी में भी कायस्थ खबर में इसके दी गयी तारीखों को लेकर पहले भी सवाल उठाये थे जिसको मानवीय भूल कह कर अब दुसरे दस्तावेज अखिल भारतीय कायस्थ महासभा (KADOM) द्वारा मीडिया में ज़ारी किये गये
ऐसे ही एक दस्तावेज को लेकर हमारे कुछ पाठको ने इसमें तथाकथित राष्ट्रीय अध्यक्ष की जानकारी को लेकर कुछ सवाल पूछे है I कायस्थ खबर को भेजे प्रपत्र के अनुसार राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष का नाम इस लिस्ट में १५ वे क्रमांक पर दिया गया है जिसकी दी गयी जानकारी के अनुसार उनका निवास दिल्ली दिखाया गया है जबकि लोगो के अनुसार वो फरीदाबाद में रहती है और वही की गतिविधिया सोशल मीडिया पर पोस्ट करती है हालाँकि इसको लेकर कायस्थ खबर को कोई आपत्ति नहीं वो अपने निवास कहीं भी दिखाए ये उनका व्यक्तिगत मामला है या फिर कानून का I लेकिन सामाजिक तोर पर इसमें एक और बड़ी गलती कायस्थ खबर को दिखी वो एक दस्तावेज में राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष का नाम के साथ अपने पति के नाम की जगह अपने पिता का नाम लिखना I

इस पर जब कायस्थ खबर का ध्यान गया तो एक सवाल उठा की क्या वाकई एक शादीशुदा महिला अपने पति की जगह सामाजिक या राजनैतिक दस्तावेजो में अपने पिता का नाम दे सकती है I कानूनी जानकारी रखने वाले लोगो के अनुसार ये इन्फोर्मेशन को मिसलीड करने का खेल हो सकता है क्योंकि हिन्दू कोड बिल के अनुसार शादी के बाद जब तक महिला उस व्यक्ति के साथ है तब तक सामाजिक और कानूनी तोर पर अपने पति के नाम को ही दस्तावेजो में दे सकती है I ऐसे में किस आधार पर राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष अखिल भारतीय कायस्थ मह्सभा की कार्यकारणी में दिए दस्तावेजो में पति की जगह पिता नाम दी है ये जांच का विषय है I इसके साथ ही गलत जानकारी देने या जानकारी को छिपाने के चलते क्या उनको महासभा के पद से त्याग पत्र नहीं दिया चाहए ये भी एक बड़ा सवाल है Iकायस्थ खबर इस जानकारी को समाज के सामने रख रहा है अंतिम फैसला समाज और खुद को कायस्थ समाज की असली अखिल भारतीय कायस्थ मह्सभा कहने वाले राष्ट्रीय अध्यक्ष सुबोध कान्त सहाय को करना है I आखिर हम कैसे लोगो को अपने समाज का नेतृत्व दे रहे हैं , क्या ऐसे लोगो को आगे करके समाज को शुचिता और इमानदारी का वो मापदंड स्थापित किया जा सकता है जो हमारे पूर्वजो ने किया
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