टिकट बटवारे से बिहार बीजेपी मे भगदड़ मची , कायस्थ समाज के भी बदले सुर
टिकट बटवारे के बाद से ही बिहार चुनाव मे बागिओ ने बीजेपी , राजद और जद यू को आंखे तरेरना शुरू कर दिया है I जहाँ बीजेपी से 40 से ज्यदा लोग बागी होने को तैयार है वही जद यू से भी २५ से ज्यदा लोग अपनी पार्टी के खिलाफ दावा ठोक रहे है I ऐसे मे जिस तरह से कायस्थ समाज को लभग सभी दलों ने उपेक्षित किया है उसने कायस्थ समाज को झकझोर दिया है I जिसके कहते अब लोकल कायस्थ नेताओं को कायस्थ समाज के प्रतिरोध के स्वर भी दिखाई देने लगे है
कायस्थ खबर आपको पहले ही बता चुका है की इस बार कायस्थ समाज ने जून और जुलाई मे टिकटों पर अपनी दावेदारी को लेकर कायस्थ समागम , कायस्थ महाकुम्भ और बुद्धिजीवी सम्मलेन जैसे बड़े आयोजन करके सभी को सन्देश देने की कोशिश की थी I मगर जिस तरह तरह से सभी ने कायस्थ समाज को एक बंधुआ वोटर मान कर दरकिनार किया उसने कायस्थ नेताओं समेत समूचे बिहार के कायस्थ समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया है
हालात ये है की की लगभग सभी कायस्थ चिन्तक अब इस बात पर सहमत हैं की जहाँ जहाँ कायस्थ प्रत्याशी है वहां पर उनको जीत हार की परवाह करे बिना वोट किया जाए I नाम ना छापने की शर्त पर रास्ट्रीय स्तर की एक प्रसिद कायस्थ नेत्री का कहना है की कायस्थों को अब विरोध के लिए उतरना ही पड़ेगा I अब वक्त पार्टी प्रतिबध्ताओ का नहीं है I अब वक्त है की सम्पूर्ण कायस्थ समाज को अंजली मे जल लेकर भगवान् चित्गुप्त की कसम लेकर ये संकल्प लेना चाह्यी की वो सिर्फ समाज के प्रत्याशियो को ही वोट करेंगे I उसके अलावा सब जगह NOTA पर ही मुहर लगायेंगे
प्रसिद कायस्थ चिन्तक धीरेन्द्र श्रीवास्तव ने इस मुद्दे पर इस पर कायस्थ खबर से कहा की कायस्थ समाज को अब अंधभक्ति से बाहर आने की जरुरत है और ये समय अपने समाज के लिए स्वार्थी होने की जरुरत है I उन्होंने अपनी बात को साबित करने के लिए कांशीराम की दलित राजनीती का भी उदहारण दिया की किस तरह जब जब दलित समाज ने कांग्रेस की परम्परागत वोटर की छवि से बाहर निकल कर बसपा जैसे नयी पार्टी का दामन थामा तो उनकी जाती का इतिहास ही बदल गया आज कोई भी पार्टी सबसे पहले उनके बारे मे सोचती है इसलिए कायस्थ समाज को भी अब उसी पैर्टन पर अपने जाती के लिए अलग आवाज़ उठानी होगी और अगर ऐसा हुआ तो सम्पूर्ण कायस्थ समाज एक होकर सभी कायस्थ प्रत्याशियो के लिए खुद कर चुनाव मे खड़ा होगा और इस बार कम से कम १० कायस्थ विधायक तो बिहार मे चुने जायेंगे