
कायस्थ युवा दल का दिल्ली दौरा डॉ ओंकारनाथ जी को न्याय के लिये-विवेक श्रीवास्तव
कायस्थ युवा दल के सक्रिय सदस्य राजस्थान, उत्तर प्रदेश ,बिहार के सदस्य कल संगत पंगत कार्यक्रम में सिर्फ इस मुहीम के लिए आये थे उनका मकसद सिर्फ इतना था की डॉ ओंकारनाथ जी हत्या कांड में दोषियों को सजा मिले ।
इस सम्बन्ध में कल माननीय आर के सिन्हा जी से मिले व उनसे हाथ जोड़कर समाज के एक समाजसेवी व्यक्ति को न्याय की गुहार की । आर के सिन्हा जी ने 15 के बाद का वक़्त दिया ।
इसी मुहीम को लेकर शाम 5 बजे अखिल भारतीय हिन्दू समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि जी से मिलने का समय मिला रस्ते में पहाड़गंज चित्रगुप्त रोड को देखकर गर्व महसूस हुआ फिर सभी सदस्य रस्ते में स्थित आराध्य देव श्री चित्रगुप्त मन्दिर देखकर गाड़ी रोक दर्शन करने उतरे और वहां का दृश्य देख बहुत दुःख हुआ मन्दिर के आगे गन्दगी का आलम व् साँई की तस्वीर दोनों तरफ लगी देख दिल्ली के कायस्थ समाज पर शर्म महसूस हुई आगे बढ़े तो दरवाजे पर ताला लगा हुआ देख पीछे के दरवाजे पर पहुचे तो एक भरद्वाज महाशय मिले जिन्होंने 4 बजे आने की बात कहि तब सदस्यों ने कहा की हमारा मन्दिर हमको क्यों रोक रहे हो दर्शन कर लेने दो पर वो भरद्वाज खुदको स्वयं भू मालिक बताने लगा व दरवाजा बन्द करने लगा व् अपशब्द बोल दिया श्री चित्रगुप्त जी को बस इतना सुनते ही युवा दल के सदस्य खुद को रोक न पाये व उसको प्रसाद रूपी दे कर मन्दिर में घूंसे व् दर्शन किये फिर उन स्वयं भू भरद्वाज ने अपनी सुरक्षा के लिए महिलाओं को आगे कर दिया तब युवा सदस्यों ने महिलाओं की इज्जत करते उन महाशय को छोड़ा व् आगाह किया की आगे से किसी चित्रांश को रोका तो परिणाम बुरे होंगे ततपश्चात वहां से निकल कर स्वामी जी से मिलने के लिए पहुंचे व उन्होंने इस घटना पर अपना दुःख जताया व् पुरा समय देकर दोनों बेटों को सांत्वना दी व इस घड़ी में हरसम्भव सहयोग व इस मुद्दे पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह से बात करने की बात कहि ।
युवा दल के सदस्यों ने उनका आभार प्रकट किया ।
आज बहुत ख़ुशी भी हुई की एक समग्र हिन्दू समाज का सन्त होने के बावजूद अपने कायस्थ होने का धर्म निभा रहा था व कुछ कायस्थवादि कायस्थों के ठेकेदार बने लोग जो दिल्ली में अपना मन्दिर नही खाली करवा पाये उनसे आगे अपेक्षा करना एक बड़ा सवाल करता है ।
एक निवेदन है की संगत पंगत कार्यक्रम में समाज के दुःख दर्द व उनके निवारण की बात हो तो अच्छा है क्योंकि हम लोग जैसे लोग 1000 किलोमीटर से वहां किसी का गाना सुनने या खाने के लिए नही आये थे ।
जय चित्रांश
जय कायस्थाना - रॉयल कायस्थाना
विवेक श्रीवास्तव @9672327999(उपरोक्त विचार लेखक के है और कायस्थखबर का इससे सहमत होना अनिवार्य नहीं है )